वाशिंगटन. अमेरिका ने चीन के चार शीर्ष सरकारी मीडिया संगठनों को “विदेशी मिशन” की श्रेणी में डाल दिया है। अमेरिका ने इन मीडिया संगठनों को “प्रोपेगंडा संगठन” करार दिया है जिनको सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नियंत्रित करती है। इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। इससे पहले फरवरी में अमेरिका ने चीन के पांच मीडिया संगठनों को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला था। इस तरह चीन के कुल नौ मीडिया संगठनों को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला गया है। अमेरिका ने सोमवार को चाइना सेंट्रल टेलीविजन, चाइना न्यूज सर्विस, द पिपुल्स डेली और ग्लोबल टाइम्स को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला है। इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी के लिए बार-बार चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
कोविड-19 महामारी से अमेरिका बुरी तरह से प्रभावित है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के 23 लाख से ज्यादा मामले हैं और 1.20 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने महामारी को लेकर अमेरिका के सभी इल्ज़ामों को खारिज कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग की मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि यह संस्थाएं स्वतंत्र मीडिया संगठन नहीं हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) इन्हें प्रभावी तरीके से नियंत्रित करती है। इन्हें प्रोपेगंडा संगठन के तौर भी जाना जाता है। ” इससे पहले 18 फरवरी को शिन्हुआ समाचार एजेंसी, चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क, चाइना रेडियो इंटरनेशल, चाइना डेली डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन और हाई तियान डेवलपमेंट यूएसए को विदेशी मिशन की श्रेणी में डाला गया था। विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा, ” ये सभी नौ संगठन विदेशी मिशन अधिनियम के तहत विदेशी मिशन की परिभाषा में आते हैं। इनकी मिल्कियत या नियंत्रण विदेशी सरकार के पास है।”(एजेंसी)