Football lost hand of God-diego-maradona

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ब्यूनस आयर्स: दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के नायक डिएगो माराडोना का बुधवार को निधन हो गया। पेले के साथ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले माराडोना 60 वर्ष के थे। पिछले लंबे समय से वह कोकीन की लत और मोटापे से जुड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे थे। अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है।

दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों में इस खबर से शोक की लहर दौड़ गई है और सोशल मीडिया पर इस महान फुटबॉलर को श्रृद्धांजलि दी जा रही है। दो सप्ताह पहले ही दिमाग के आपरेशन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।

विश्व कप 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में ‘खुदा का हाथ’ वाले गोल के कारण फुटबॉल की किवदंतियों में अपना नाम शुमार कराने वाले माराडोना दो दशक से लंबे अपने कैरियर में फुटबालप्रेमियों के नूरे नजर रहे। नशे की लत और राष्ट्रीय टीम के साथ नाकामी ने उनकी साख को ठेस पहुंचाई लेकिन फुटबॉल के दीवानों के लिये वह ‘गोल्डन ब्वाय ‘ बने रहे।

माराडोना के निधन के बाद दुनिया भर के उनके प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है. सभी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. 

मेरे हीरो अब नहीं रहे

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली ने ट्वीट कर कहा, “मेरे हीरो अब नहीं रहे, मेरे जीनियस आप  मैंने तुम्हारे लिए फुटबॉल देखी.”

एक दोस्त को अलविदा कहता हूँ

पुर्तगाल के फुटबॉलर क्रिस्टिआनो रोनाल्डो ने कहा, “आज मैं एक दोस्त को अलविदा कहता हूँ और दुनिया एक शाश्वत प्रतिभा को एक अद्वितीय जादूगरअलविदा कहती है । अभी तक का सबसे अच्छा। । वह बहुत जल्दी चले गए, लेकिन अपनी बिना सीमा वाली विरासत छोड़ गए, एक शून्य जो कभी नहीं भरा जाएगा। तुम्हें कभी भी नहीं भुलाया जा सकेगा।