येरेवान (आर्मीनिया): आर्मीनिया (Armenia) और अज़रबैजान (Azerbaijan) ने रूस (Russia) की मदद से संघर्षविराम समझौता प्रभावी होने के बावजूद सोमवार को नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) क्षेत्र को लेकर एकदूसरे पर हमले करने के आरोप लगाये। संघर्षविराम गत शनिवार को लागू हुआ था लेकिन दोनों पक्षों की इसके तुरंत बाद इसके उल्लंघन करने के दावे किये गए। यह सप्तांत में और सोमवार सुबह भी जारी रहा।
आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता शुशान स्टीपैनियन ने सोमवार को कहा कि आजरबैजानी बल संघर्ष वाले ‘‘दक्षिणी मोर्चे पर व्यापक गोलीबारी कर रहे हैं।” इस बीच अज़रबैजानी रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि अज़रबैजान संघर्षविराम का पालन कर रहा है लेकिन आर्मीनियाई बल अज़रबैजान के गोरनबॉय, तेरतेर और अगदम क्षेत्रों पर गोलाबारी कर रहे हैं जो कि नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र के आसपास स्थित हैं।
अज़रबैजान और आर्मीनिया की सेनाओं के बीच हालिया लड़ाई 27 सितंबर को शुरू हुई थी और नागोर्नो-काराबाख को लेकर इस संघर्ष में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। यह इलाका अज़रबैजान में आता है, लेकिन इस पर आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का नियंत्रण है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के हस्तक्षेप के बाद आर्मीनिया और अज़रबैजान के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में एक संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की देखरेख में मास्को में वार्ता के बाद शनिवार दोपहर को संघर्षविराम प्रभावी हुआ था। इस समझौते में तय किया गया था कि संघर्षविराम से संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए।