US senators welcomed India's decision to call Australia in the exercise

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मेलबर्न. आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास (Australia naval exercises) में भारत, अमेरिका और जापान (India, US, Japan) के साथ ऑस्ट्रेलिया भी हिस्सा लेगा। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। यह चार देशों के समूह ‘क्वॉड’ की सैन्य स्तर पर पहली भागीदारी होगी। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच, भारत ने सोमवार को आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा लेने की घोषणा की थी।

भारत द्वारा ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को अगले महीने होने वाले युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने का निमंत्रण देने का कदम तोक्यो में क्वॉड के विदेश मंत्रियों की वार्ता के दो हफ्ते बाद उठाया गया है। बैठक में मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया था, जहां पर चीन का सैन्य दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स (Linda Reynolds) और विदेश मंत्री मैरिसे पेने ने एक सुयंक्त बयान जारी करते हुए कहा कि यह घोषणा भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के संबंध और गहरे करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान के मुताबिक संघीय सरकार ने कहा है कि भारत के आमंत्रण के बाद ऑस्ट्रेलिया मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगा। यह अभ्यास क्षेत्र के चार प्रमुख रक्षा साझेदारों भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को नवम्बर में एक साथ लाएगा। रेनॉल्ड्स ने कहा कि मालाबार-2020 ऑस्ट्रेलिया रक्षा बल (एडीएफ) के लिए महत्वपूर्ण अवसर होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ मालाबार जैसे अत्याधुनिक सैन्य अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने, हमारे करीबी सहयोगियों के साथ परस्पर काम करने और मुक्त एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत का समर्थन करने के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करते हैं।”

विदेश मंत्री पेने ने कहा कि मालाबार युद्धाभ्यास ‘‘हिंद-प्रशांत के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के बीच गहरे भरोसे और साझा सुरक्षा हितों पर एक साथ काम करने की उनकी इच्छा को भी दर्शाता है।” उन्होंने कहा, ‘‘ इसका आधार व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसके लिए प्रधानमंत्री (स्कॉट) मॉरिसन और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के बीच चार जून 2020 को सहमति बनी थी और जिसे मैंने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर के साथ इस महीने तोक्यो में मुलाकात के दौरान आगे बढ़ाया।” पेने ने कहा, ‘‘यह क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की मिलकर काम करने क्षमता को बढ़ाएगा।” उन्होंने कहा कि नौसेना अभ्यास में हिस्सा लेना हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता एवं समृद्धि बढ़ाने और एडीएफ की पारस्परिक काम करने की क्षमता के प्रति ऑस्ट्रेलिया की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आस्ट्रेलिया ने आखिरी बार 2007 में मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था। (एजेंसी)