India had insisted for Sri Lankan President to remain in office in 2022 said Gotabaya Rajapaksa
गोटबाया राजपक्षे (File Photo)

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    कोलंबो: श्रीलंका (Srilanka) ने गुरूवार को 93 कैदियों (Prisoners) को रिहा कर दिया। इनमें लिट्टे (LTTE) के 16 संदिग्ध आतंकवादी भी शामिल हैं, जिन्हें बिना किन्ही आरोपों के गिरफ्तार (Arrest) किया गया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) के ‘पोसोन पोया’ के मौके पर उन्हें माफ करने के बाद गुरूवार को रिहा किया गया।

    ‘पोसोन पोया’ देश में बौद्ध धर्म के आगमन को चिह्नित करने के लिए श्रीलंका के बौद्ध बहुमत द्वारा मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है। जेल प्रवक्ता तुषारा उपुलदेनिया ने बताया कि राष्ट्रति के माफी करने के बाद रिहा किए गए 93 कैदियों में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (लिट्टे) के संदिग्ध भी शामिल हैं। जाफना के उत्तरी शहर और अनुराधापुर के उत्तरी-मध्य शहर से उन्हें रिहा किया गया। उन्हें आतंकवाद निरोधक कानून (पीटीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।

    महत्वपूर्ण बौद्ध दिनों में श्रीलंका के राष्ट्रपति अधिकारियों की सिफारिशों पर गौर करते हुए, कैदियों को रिहा करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का उपयोग करते हैं। मुख्य तमिल पार्टी, टीएनए, अधिकार समूहों के साथ मिलकर तमिल राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग कर रही है, जिन्हें 10-20 वर्षों से बिना किसी आरोप के कैद में रखा गया है। इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय संसद ने श्रीलंका के पीटीए को निरस्त करने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया था।

    टीएनए के सूत्रों ने बताया कि करीब 100 तमिल राजनीतिक कैदियो को बिना किसी आरोप के कैद में रखा गया है। वहीं, श्रीलंका सरकार का कहना है कि उसकी जेल में कोई राजनीतिक कैदी नहीं है। लिट्टे, श्रीलंकाई सेना द्वारा उसके प्रमुख नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन की 2009 में हत्या से पहले द्वीप राष्ट्र के उत्तरी तथा पूर्वी प्रांतों में एक अलग तमिल राष्ट्र के लिए एक सैन्य अभियान चलाता था।