on the birthday of the Queen of Britain, Indian professionals who contributed to the fight against Corona will also be honored

Loading

लंदन: भारतीय मूल (Indian Origin) के अरबपति भाइयों, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) के एक शिक्षाविद् और रस्सी कूदने वाले अपने वीडियो की मदद से ब्रितानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) (NHS) के लिए धन एकत्र करने वाले ‘स्किपिंग सिख’ (Skipping Sikh) सहित भारतीय मूल के कई लोगों के नाम महारानी के जन्मदिन की सम्मान सूची में शामिल किए गए हैं। यह सूची शनिवार को जारी की गई।

भारतीय मूल के अरबपति भाइयों मोहसिन ईसा (Mohsin Issa) और जुबैर ईसा (Zuber Issa) ने ब्रिटेन की प्रमुख सुपरमार्केट श्रृंखला ‘एस्डा’ के अधिग्रहण के लिए कई अरब डॉलर का सौदा करके हाल में सुर्खियां बटोरी। ईसा बंधुओं के माता-पिता 1970 के दशक में गुजरात से ब्रिटेन चले गए थे। ईसा बंधु ब्रिटेन में यूरो गराज नाम से पेट्रोल पंप की श्रृंखला चलाते हैं। यह उनके ईजी समूह का हिस्सा है।

इन बंधुओं को उद्योग में योगदान एवं परमार्थ के लिए ‘कमांडर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’ (सीबीई) सम्मान दिया गया। इनके अलावा, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञान के प्रोफेसर यदविंदर सिंह मल्ही को पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञान में योगदान के लिए सीबीई सम्मान दिया गया। मल्ही को इस साल की शुरुआत में लंदन में ‘नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम’ का न्यासी नियुक्त किया गया था।

इनके अलावा, ‘इम्पीरियल कॉलेज लंदन में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर निलय शाह और ‘हीलिंग लिटिल हार्ट्स’ के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. संजीव निचानी को ओबीई (ऑफिसर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) सम्मान दिया गया। यह सूची आमतौर पर जून में जारी की जाती है, लेकिन कोविड-19 महामारी से निपटने में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों के नामों पर विचार करने के लिए इसे सितंबर में जारी किया गया।

इस सूची में इस श्रेणी में राजिंदर सिंह हरजाल समेत भारतीय मूल के कई लोग शामिल हैं। 74 वर्षीय ‘स्किपिंग सिख’ को प्रेरणादायी फिटनेस वीडियो के लिए ‘एमबीई’ (मेम्बर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) सम्मान दिया गया।

एनएचएस के लिए 14,000 पौंड एकत्र करने वाले हरजाल और कोविड-19 के दौरान लोगों को फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करने वाली लवीना मेहता को एमबीई सम्मान दिया गया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा, ‘‘इन स्थानीय लोगों की कड़ी मेहनत एवं समर्पण ने हमें आगे बढ़ने में मदद की।” इनके अलावा भी कई भारतीयों ने सूची में जगह बनाई है।