कैथोलिक स्कूल में मिले 215 शवों पर कनाडा के मंत्री ने की पोप से माफी की मांग

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    टोरंटो. कनाडा (Canada) के आदिवासी सेवा (Indigenous Minister) मंत्री ने ब्रिटिश कोलंबिया के कैमलूप्स में आदिवासियों के एक पूर्व आवासीय स्कूल में दफनाए गए 215 बच्चों (215 Children) के शव मिलने की घटना के मद्देनजर बुधवार को कहा कि पोप फ्रांसिस को कनाडा की आवासीय स्कूल प्रणाली में कैथोलिक चर्च की भूमिका के लिए औपचारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए पूर्व आवासीय स्कूलों में अब तक चिह्नित नहीं हो पाई कब्रों का पता लगाने के प्रयासों को समर्थन देने का फिर से संकल्प लिया।

    ब्रिटिश कोलंबिया के सैलिश भाषा बोलने वाले एक समूह फर्स्ट नेशन की प्रमुख रोसेन कैसमिर ने कहा कि जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार की मदद से 215 बच्चों के शव मिले। इनमें कुछ तीन वर्ष की उम्र के बच्चों के शव हैं। गौरतलब है कि 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 1,50,000 से अधिक बच्चों को कनाडाई समाज में अपनाने के कार्यक्रम के तौर पर सरकार के वित्त पोषण वाले ईसाई स्कूलों में पढ़ना होता था। उन्हें ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ भाषा बोलने नहीं दी जाती थी। कई बच्चों को पीटा जाता था तथा उन्हें अपशब्द कहे जाते और ऐसा बताया जाता है कि उस दौरान 6,000 बच्चों की मौत हो गयी थी।

    कैमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक संचालित हुआ था। इसके बाद संघीय सरकार ने कैथलिक चर्च से इसका संचालन अपने हाथों में ले लिया। यह स्कूल 1978 में बंद हो गया था। ट्रूथ एंड रिकांसिलिएशन कमीशन ने पांच वर्ष पहले संस्थान में बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर विस्तृत रिपोर्ट दी थी। ट्रूथ एंड रिकांसिलिएशन कमीशन ने जो 94 सिफारिशें की थी, उनमें पोप से माफी की मांग भी शामिल है। ट्रूडो ने 2017 में वैटिकन की यात्रा के दौरान पोप से ऐसा करने का आग्रह किया था। कैथोलिक बिशप के कनाडाई सम्मेलन ने 2018 में घोषणा की थी कि पोप आवासीय स्कूलों के लिए व्यक्तिगत रूप से माफी नहीं मांग सकते। हालांकि पोप दुनिया भर के आदिवासी लोगों के साथ होने वाले अन्याय को समझते हैं।

    आदिवासी सेवा मंत्री मार्क मिलर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह शर्मनाक है कि ऐसा अभी तक नहीं किया गया है।” उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी कनाडा के कैथोलिक बिशप के कंधों पर है। आदिवासी संबंध मंत्री कैरोलिन बेनेट ने कहा कि पोप के माफी मांगने से उन लोगों के जख्मों पर मरहम लगेगा, जिन्होंने कष्ट सहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे पोप की माफी सुनना चाहते हैं।” (एजेंसी)