लाहौर: पाकिस्तानी (Pakistani) कानून प्रवर्तक एजेंसी ने गायक-अभिनेता अली ज़फर (Ali Zafar) को यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की शिकायत को लेकर बदनाम करने वाला अभियान चलाने के आरोप में गायिका मीशा शफी (Meesha Shafi) और आठ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की लाहौर की साइबर अपराध शाखा ने शफी, अभिनेत्री इफ्फत उमर, मेकअप कलाकार लीना गनी, फरिया अय्यूब, माहम जावेद, अली गुल, हसीम उज़ ज़मां खान, ब्लॉगर हुमना रज़ा और सैयद फैजान रज़ा के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम की धारा 20 (1) और आर/डब्लयू 109- पीपीसी (पाकिस्तान दंड संहिता) के तहत सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की।
इन धाराओं के तहत किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा या निजता को नुकसान पहुंचाने वाली झूठी जानकारी का जानबूझकर प्रसार करने पर तीन साल की सजा हो सकती है। अप्रैल 2018 में शफी ने ज़फर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे को कानूनी नोटिस भेजे थे। ज़फर ने गायिका के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी किया था जो अदालत में लंबित है।
नवंबर 2018 में ज़फर ने एफआईए की साइबर इकाई में शिकायत दायर कर आरोप लगाया था कि कई सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए उन्हें धमकी दी जा रही है और उनकी मानहानि करने वाली पोस्ट की जा रही हैं। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में ट्विटर और फेसबुक के कुछ अकाउंट्स का ब्यौरा भी दिया था। ज़फर ने आरोप लगाया था कि शफी के यौन उत्पीड़न के आरोप से पहले ही कई फर्जी अकाउंट बनाए गए हैं।
ज़फर और शफी, दोनों के कौशल प्रबंधक रहे रिज़वान रईस ने अपनी गवाही में कहा कि पेप्सी के विज्ञापन में ज़फर, गायक आतिफ असलम की जगह ले रहे थे और शफी ने ज़फर से पेप्सी के करार से दूर रहने को कहा और ऐसा नहीं करने पर शफी ने उनपर “मीटू अभियान“ के तहत यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाने की धमकी दी। ज़फर कई भारतीय फिल्मों में भी दिख चुके हैं।