स्टॉकहोम: रसायन विज्ञान (Chemistry Science) के क्षेत्र में वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) ‘जीनोम एडिटिंग’ पद्धति का विकास करने के लिये एमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना (Emmanuelle Charpentier and Jennifer Doudna) को देने की बुधवार को घोषणा की गई।
स्टॉकहोम (Stockholm) में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है। मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी।
‘जीनोम एडिटिंग’ एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिये वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं। यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है। इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं। इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है।