WHO expressed concern over the delta nature of Corona, said - it is very dangerous and is constantly changing
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बीजिंग: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)के दो विशेषज्ञों के चीन दौरे के बाद बीजिंग और संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने की योजना पर बातचीत कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि विशेषज्ञों ने अपने दो हफ्ते के प्रवास के दौरान वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक अनुंसधान में सहयोग हेतु प्रारंभिक परमार्श किया। उनका दो हफ्ते का प्रवास गत रविवार को समाप्त हुआ।

वांग ने बताया कि उनकी बातचीत कोरोना वायरस की आबादी, पर्यावरण, मॉल्युकूल, पशु से उद्गम और संक्रमण से संबंध के साथ आगे के वैज्ञानिक शोध की योजना को लेकर थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए वैश्विक प्रयास को लेकर पारित प्रस्ताव में चीन के योगदान की संभावित रूपरेखा पर चर्चा की। हालांकि, यह सहयोग कितनी जल्दी शुरू होगा इसको लेकर कोई वादा नहीं किया गया।

उल्लेखनीय है कि इस वायरस का सबसे पहले पता पिछले साल के अंत में चीन के वुहान शहर में लगा था और माना जा रहा है कि यह वहां के मांस बाजार से फैला, जहां खाने के लिए जंगली जानवारों की बिक्री होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस चमगादड़ जैसे जंगली जानवरी से इंसानों में मध्यवर्ती प्रजाति संभवत: पैंगोलिन के माध्यम से पहुंचा।

हालांकि, चीन का कहना है कि महामारी के पूरी तरह से नियंत्रण में आने तक पूर्ण जांच का इंतजार करना चाहिए। चीन ने महामारी शुरू होने के बाद डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी देने में देरी के आरोपों को भी खारिज कर दिया है।   (एजेंसी)