China's National Advisory Committee proposes removal of English from the syllabus, the debate intensified after the proposal

Loading

बीजिंग. चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी से उबरने लगी है और आर्थिक मंदी का शिकार होने से भी बच गयी है। पहली तिमाही में चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रिकॉर्ड 6.8 प्रतिशत की गिरावट आने के बाद दूसरी तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2020 की दूसरी तिमाही में जीडीपी में सालाना आधार पर 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, इस साल की पहली छमाही में चीन की जीडीपी का आकार 45,660 हजार अरब युआन यानी 6,530 अरब डॉलर रहा है। यह साल भर पहले की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम है।

कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत दिसंबर में चीन से हुई थी। वहां सबसे पहले अर्थव्यवस्था को बंद किया गया और इसे खोलने की शुरुआत भी मार्च में सबसे पहले वहीं हुई। ताजा आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण और कुछ दूसरे उद्योगों में कामकाज लगभग सामान्य स्थिति में वापस आ गया है, लेकिन बेरोजगारी की आशंका के चलते उपभोक्ता खर्च कमजोर है। आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक उद्योगों का उत्पादन साल भर पहले की तुलना में 0.9 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि सेवा क्षेत्र और उद्योगों में इस दौरान क्रमश: 1.6 प्रतिशत तथा 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, चीन के रोजगार बाजार में भी सुधार हुआ है। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर एक महीने पहले की तुलना में 0.2 प्रतिशत कम होकर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी है। ब्यूरो की प्रवक्ता लियु एहुआ ने कहा कि कोविड-19 महामारी को इतनी कम अवधि में काबू करना तथा वापस वृद्धि की राह पर लौटना चीन के लिये आसान नहीं रहा है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘महामारी के लगातार वैश्विक प्रकोप का जारी रहना, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महामारी के असर तथा उच्च बाह्य जोखिमों एवं चुनौतियों को देखते हुए चीन की आर्थिक वापसी अभी भी दबाव में ही है।” एहुआ ने कहा कि उन्हें दूसरी छमाही में भी चीन की अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार जारी रहने की उम्मीद है।

आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर विश्लेषकों का कहना है कि यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिये ‘परिस्थितियों के बदल जाने’ जैसा है। चीन इस तरह महामारी से उबरने वाली पहली अर्थव्यवस्था भी बन गया है। चीन मार्च-अप्रैल में महामारी से उबरने लगा था। यह ऐसा समय था जब महामारी बाकी दुनिया में फैल रही थी।

चीन ने मौके का फायदा उठाया और चिकित्सा उपकरणों की मांग को देखते हुए उसने अरबों डॉलर की इन सामग्रियों का निर्यात किया। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के साथ जारी तनाव, भारत के साथ हालिया विवाद और हांगकांग, ताईवान व दक्षिणी चीनी सागर से संबंधित नीतियों के कारण दुनिया भर में चीन के उत्पादों तथा सेवाओं पर रोक लगायी गयी है। यह निर्यात पर निर्भर चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है। चीन की जीडीपी में इस साल की पहली तिमाही में आयी 6.8 प्रतिशत की गिरावट 1976 की सांस्कृतिक क्रांति के बाद चीन की अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा प्रदर्शन है।(एजेंसी)