Indian nurse dies in Covid-19 in Oman

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जिनेवा: निर्धनता के संबंध में संयुक्त राष्ट्र (united Nations) के एक स्वतंत्र विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी का गरीबी पर सबसे बुरा प्रभाव होना अभी बाकी है तथा लोगों की सुरक्षा के लिए सरकारों द्वारा अब तक किए गए उपाय अपर्याप्त हैं।

अत्यधिक गरीबी और मानवाधिकारों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा विशेष रूप से नियुक्त बेल्जियम (Belgium) के कानूनी विशेषज्ञ ओलिवियर डे शटर ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए उपाय में कई कमियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये मौजूदा उपाय आम तौर पर अल्पकालिक हैं, वित्तपोषण अपर्याप्त है और कई लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी।”

उनका यह संदेश इसी महीने होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से संबंधित विश्व नेताओं के लिए था। शुक्रवार को जारी संयुक्त राष्ट्र के एक बयान के अनुसार उन्होंने गरीबी उन्मूलन और असमानता में कमी लाने के लिए और अधिक निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया। विशेषज्ञ ने कहा कि इस महामारी से उत्पन्न आर्थिक मंदी 1930 के दशक की महामंदी के बाद से अभूतपूर्व है।

उन्होंने आगाह किया कि गरीबी रेखा के लिए प्रतिदिन 3.20 डॉलर प्रति दिन के आधार पर दुनिया भर में 17.6 करोड़ अतिरिक्त लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकारों ने मदद के लिए सामाजिक योजनाओं की बात की है लेकिन दुनिया के निर्धनतम लोग अक्सर उसके लाभ से बाहर रह जाते हैं क्योंकि वे डिजिटल साक्षर नहीं हैं या इंटरनेट तक उनकी पहुंच नहीं है।