India-US diplomats meet at UN, both countries reaffirmed their strategic partnership
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संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडा के तहत लक्ष्यों को हासिल करने में रुकावटें आयी हैं और इसने कमजोर आबादी की रक्षा करने और ऐसी ही महामारियों से निपटने की देशों की क्षमताओं में सुधार आधारित नीतियों की ‘‘तत्काल आवश्यकता” पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत तिरुमूर्ति मंगलवार को यहां गरीबी उन्मूलन पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने वैश्विक स्तर पर बड़ा नुकसान पहुंचाया है जिससे कई देशों में मंदी आ गई है। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘इस महामारी से एजेंडा 2030 के तहत लक्ष्यों को पूरा करने का खतरा पैदा हो गया है। इस महामारी ने इसके नतीजों से बचने, कमजोर आबादी की रक्षा करने और भविष्य में ऐसी ही घटनाओं से निपटने में देशों की क्षमताओं को बेहतर बनाने पर केंद्रित नीति की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।”

उन्होंने आर्थिक वृद्धि और विकास बढ़ाकर, कमजोर समूहों पर ध्यान केंद्रित कर, महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देकर सभी रूपों में गरीबों को खत्म करने की भारत की वृहद विकास रणनीति का जिक्र किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बांदे ने मंगलवार को गरीबी उन्मूलन गठबंधन का शुभारंभ किया जिससे गरीबी उन्मूलन पर विचारों और अच्छी नीतियों के आदान-प्रदान के लिए देशों को एक साथ लाया जाएगा। भारत संस्थापक सदस्य के तौर पर इस गठबंधन में शामिल हुआ है। गरीबी उन्मूलन के कुछ चयनित क्षेत्रों में भारत के अनुभव को साझा करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत की ग्रामीण आबादी को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत रोजगार की सुरक्षा दी गई है जिसमें एक साल में हर परिवार को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाता है। इस योजना की आधी से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोराना वायरस वैश्विक महामारी के असर से उबरने के लिए भारत ने 270 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की है जिसमें मुख्य ध्यान महिलाओं और उनकी आजीविका पर है।(एजेंसी)