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ढाका: ढाका (Dhaka) की अदालत ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश (Bangladesh) के पहले हिंदू प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice) सुरेंद्र कुमार सिन्हा (Surendra Kumar Sinha) और 10 अन्य के खिलाफ बैंक (Bank) से चार करोड़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) का कथित तौर पर गबन करने के मामले में आरोप तय किया। ढाका की ही एक अन्य अदालत द्वारा 69 वर्षीय पूर्व प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrent) जारी करने के सात महीने बाद अदालत ने आरोप तय किया है।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सिन्हा इस समय अमेरिका (America) में रह रहे हैं और भ्रष्टाचार रोधी आयोग ने अपने आरोप पत्र में उन्हें भगोड़ा घोषित किया है। अभियोजन पक्ष के वकील ने ढाका में कहा, ‘‘अदालत ने आज एस के सिन्हा और 10 के खिलाफ आरोप तय किए हैं और इसके साथ ही किसान बैंक घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू हो गया है।”

उन्होंने बताया कि मामले में छह आरोपी बैंक के पूर्व अधिकारी हैं, बाकी सिन्हा के सहयोगी बताए जाते हैं। अभियोजक ने बताया कि मामले में केवल तीन आरोपी ही सुनवाई का सामना कर रहे हैं, बाकी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भाग गए हैं। अदालत के अधिकारी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश शेख नजमुल आलम (Shaikh Najmul Alam) ने आरोपों को पढ़ा और अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख तय कर दी।

गौरतलब है कि सिन्हा इस समय अमेरिका में रह रहे हैं और उन्होंने वहां शरण देने की मांग की है। सरकार के साथ गतिरोध होने की वजह से पद छोड़ने के करीब एक साल बाद उन्होंने अपनी आत्मकथा जारी की थी जिसके बाद वह राजनीति के केंद्र में आ गए और उसके कुछ दिन बाद ही सिन्हा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। अपनी आत्मकथा, ‘‘ए ब्रोकन ड्रीम : रूल ऑफ लॉ, ह्यूमन राइट्स ऐंड डेमोक्रेसी” में सिन्हा ने लिखा कि वर्ष 2017 में वह धमकी की वजह से इस्तीफा देने पर मजबूर हुए थे।  (एजेंसी)