इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) सरकार ने अपनी नेशनल असेंबली में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) द्वारा इस्लाम पर दिए गए बयान के खिलाफ प्रस्ताव मंगलवार को पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान फ्रांस (France) से अपने राजदूत को वापस बुलाएगा। लेकिन पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार के इस कदम की काफी फ ज़ीहत होने लगी है। क्योंकि फ्रांस में पाकिस्तान का फिलहाल कोई राजदूत है ही नहीं।
दरअसल, सोमवार को फ्रांसीसी राजदूत मार्क बरेती को पाकिस्तान ने तलब किया गया था। वहीं देश की संसद ने सरकार से पेरिस (Paris) से अपना दूत वापस बुलाने की मांग भी की थी। विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि यह रेखांकित किया गया कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान सहित दुनिया भर में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं और इस तरह के कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
इसके बाद पाकिस्तान नेशनल असेंबली में प्रस्ताव लाया गया और पारित भी कर दिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब तीन महीने पहले ही पेरिस में पाकिस्तान के राजदूत मोइन-उल-हक का ट्रांसफर कर दिया गया था और उन्हें चीन में राजदूत के पद पर तैनात किया गया था और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस पद पर किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। लेकिन इस समय मोहम्मद अमजद अजीज काजी पाकिस्तान के पेरिस स्थित दूतावास में मिशन के उप प्रमुख हैं।
वहीं, इस प्रस्ताव में पाकिस्तान में मौजूद फ्रांसीसी राजदूत को भी वापस भेजने की बात कही गई है। लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो तो दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल पैदा हो सकती है।