कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) की संसद में 20वें संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) पर बुधवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय चर्चा के दौरान सरकार इसमें पांच संशोधन करने का प्रस्ताव रखेगी। इस संविधान संशोधन का उद्देश्य राष्ट्रपति के अधिकारों में वृद्धि करना है।
सरकार ने दो सितंबर को एक नए कानून ‘20ए’ को राजपत्र में प्रकाशित किया था जो 2015 में आए 19वें संशोधन को निरस्त कर देगा। ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने संवाददाताओं से कहा, “चर्चा के समिति स्तर पर पहुंचने पर पांच संशोधन का प्रस्ताव रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि चार उपबंध हैं जिनके लिए उच्चतम न्यायालय ने जनमत संग्रह कराने का आदेश दिया था। संशोधन की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की घोषणा सदन के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्देना ने मंगलवार को की थी जिसके बाद दो दिवसीय चर्चा का निर्णय लिया गया।
न्यायालय ने कहा कि 20ए पूरी तरह से संविधान का उल्लंघन नहीं करता और केवल चार उपबंधों पर जनमत संग्रह कराने की आवश्यकता है। सरकार की ओर से महान्यायवादी ने कहा था कि संशोधन समिति के स्तर पर किये जाएंगे ताकि जनमत संग्रह कराने की आवश्यकता न पड़े।
गम्मनपिला ने कहा, “उच्चतम न्यायालय द्वारा बताए गए तीन संशोधन किये जाएंगे और दो संशोधन हम अपनी तरफ से करेंगे।”