H-1B Visa Updates : America made important announcement regarding H-1B and other visas, now there will be exemption in private interview
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    वाशिंगटन: भारत (India) के प्रतिभाशाली नागरिक पुरानी एच-1बी वीजा (H-1B Visa) नीति के कारण अब बड़ी संख्या में अमेरिका (America) के बजाय कनाडा (Canada) का रुख कर रहे हैं। आव्रजन और नीति विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों से यह बात कही। विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि यह मुख्यत: रोजगार पर आधारित ग्रीन कार्ड या स्थायी निवास पत्र जारी करने पर हर देश के लिए तय कोटे के कारण हुआ है। उन्होंने कांग्रेस से भारतीय प्रतिभाओं को अमेरिका से कनाडा की ओर जाने से रोकने के लिए जल्द कदम उठाने का अनुरोध किया।

    नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (एनएफएपी) के कार्यकारी निदेशक स्टुअर्ट एंडरसन ने कहा कि कांग्रेस की कार्रवाई के कारण सभी तीनों रोजगार आधारित श्रेणियों में वीजा के लिए इंतजार कर रहे भारतीयों की अनुमानित संख्या 9,15,497 से बढ़कर वित्त वर्ष 2030 तक 21,95,795 हो जाएगी। उन्होंने आव्रजन और नागरिकता पर सदन की न्यायिक समिति-उपसमिति के समक्ष कहा, ‘‘हमें इस संख्या में गिरावट लानी चाहिए। एक दशक के अंदर 20 लाख से अधिक लोग रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए वर्षों या यहां तक दशकों तक इंतजार करेंगे।”

    एंडरसन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्र समेत उच्च कौशल वाले विदेशी नागरिक अमेरिका के बजाय कनाडा को चुन रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह इसलिए हुआ क्योंकि एच-1बी वीजा या स्थायी निवास हासिल करना मुश्किल हो गया है।” एनएफएपी द्वारा अमेरिकी सरकार के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर के कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में पंजीकृत भारत के छात्रों की संख्या 2016-17 और 2018-19 अकादमिक वर्षों के बीच 25 प्रतिशत से अधिक घट गयी।

    एंडरसन ने कहा, ‘‘कनाडा की आव्रजन नीतियां प्रतिभाओं को आमंत्रित करने के लिए अमेरिका से कहीं बेहतर हैं। कांग्रेस ने 1990 में अमेरिकी नीतियां बनायी थी जब स्मार्टफोन, ई-वाणिज्य, सोशल मीडिया, क्लाउड कम्प्यूटिंग और दैनिक इस्तेमाल वाला इंटरनेट नहीं था जिनकी वजह से अब उच्च कौशल वाले प्रौद्योगिकी श्रम की मांग बढ़ गयी है। 1990 के बाद से दुनिया बदल गयी है लेकिन अमेरिका की आव्रजन नीति नहीं बदली।”