Biden-trump have a tough fight, Biden has won 238, trump 213 in 538 'Electoral seat'

  • रिपब्लिकन पार्टी से मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं मैदान में 
  • डेमोक्रेटिक पार्टी से ट्रम्प का सामना कर रहे हैं जो बिडेन 

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मुंबई: नवंबर में होनेवाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव (Presidential Elections) दुनिया के सबसे महंगे चुनाव होने वाले हैं। एक अनुमान के मुताबिक, सेंटर फॉर रेस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स (Centre For Responsive Politics) ने इस चुनावी खर्च का का ब्योरा करीब 11 बिलियन यूएस डॉलर बताया है। यह राशि करीब 79 हज़ार करोड़ रूपए है मतलब कि भारत के लोकसभा चुनाव में खर्च पैसों से करीब 50 प्रतिशत ज़्यादा। अमेरिका (America) में साल 2016 के चुनाव में खर्च की तुलना में भी 50% महंगा बताय जा रहा है।

OpenSecrects.org वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कमिटीज़ आगे कोई खर्च नहीं भी करती तो भी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव अब तक के दुनिया के सबसे महंगे चुनाव बन चुके हैं। फेडरल कमेटियों ने अब तक 7.2 बिलियन डॉलर खर्च कर दिए हैं। यह आंकड़े आनेवाले दिनों में और भी बढ़ सकते है।

ज़यादा फंडरेजिंग, ज़्यादा खर्च 

वॉइस ऑफ़ अमेरिका की एक रिपोर्ट में सेंटर फॉर रेस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, शीला क्रमहोज के हवाले से कहा गया है कि, “साल 2018 के मिडटर्म चुनावों के लिए फंड रेजिंग का रिकॉर्ड तोड़ा था। अब 2020 में सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। सेंटर ने 10.8 बिलियन डॉलर का अनुमान लगाया है। अंतिम आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं। डेमोक्रेटिक कैंडीडेट जो बाइडेन ने पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट से 10 मिलियन डॉलर का फंड जुटाने की खबर दी थी। इसी तरह डेमोक्रेटिक फंडरेजिंग फर्म एक्टब्लू ने सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग के निधन के बाद से 300 मिलियन डॉलर का फंड जुटाने का दावा किया है।” 

- चुनावी खर्च का का ब्योरा करीब 11 बिलियन यूएस डॉलर - राशि करीब 79 हज़ार करोड़ रूपए है - भारत के लोकसभा चुनाव में खर्च पैसों से करीब 50 प्रतिशत ज़्यादा - अमेरिका में साल 2016 के चुनाव में खर्च की तुलना में भी 50% महंगा बताय जा रहा है

चुनावी खर्च

वाइट हाउस की दौड़ में कितना खर्च

डोनाल्ड ट्रम्प और पूर्व डेमोक्रेटिक उपाध्यक्ष जो बिडेन के बीच व्हाइट हाउस की दौड़ में 5.2 बिलियन डॉलर की लागत का अनुमान है। ये 2016 में राष्ट्रपति की दौड़ की लागत से दोगुनी से भी अधिक है। अनुमानित 10.8 बिलियन डॉलर की लागत है।   

इस बार डिजिटल कैंपेन पर ज़्यादा खर्चा

कोरोना के चलते इस साल के चुनाव अमेरिका में कुछ अलग अंदाज़ में हो रहे हैं। इलेक्शन कैम्पेन में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी डिजिटल कैम्पेन पर ज़्यादा फोकस कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने 2016 चुनावों के मुकाबले इस बार इलेक्शन इवेंट्स पर पैसा कम खर्च किया है लेकिन ये पैसा डिजिटल मीडिया पर खर्च कई किया जा रहा है। ट्रम्प और बाइडेन ऑनलाइन कैम्पेन चला रहे हैं। कैम्पेन के इन विज्ञापनों का इस्तेमाल नए फंड डोनर्स को आकर्षित करने करने मददगार साबित हो रहा है।  

भारत के मुकाबले अमेरिकी चुनाव का खर्च कितना ज़्यादा

अमेरिका के चुनाव की अगर भारतीय चुनावों से तुलना करें तो 2019 में लोकसभा चुनावों में करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले के 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में करीब 45 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों को अब तक का सबसे महंगा चुनाव कहा गया था। 

भारत में लोकसभा चुनाव में कितने रुपए हुए खर्च                                                 अमेरिका के चुनाव में कितने रुपए हुए खर्च  

2019- 50 हजार करोड़                                                                                            2020- 79 हजार करोड़

2014- 30 हजार करोड़                                                                                            2016-47 हजार करोड़

2009 20 हजार करोड़                                                                                             2012-46 हजार करोड़