इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने बुधवार को मुस्लिम देशों (Muslim Countries) के नेताओं को एक पत्र लिखा और उनसे ‘इस्लामोफोबिया’ (Islamophobia) के बढ़ते चलन का सामना करने के लिए सामूहिक प्रयास करने को कहा।
खान के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किये गये पत्र में कहा गया है, ‘‘नेतृत्व के स्तर पर हालिया बयानों और कुरान का अपमान करने संबंधी घटनाएं इस बढ़ते इस्लामोफोबिया का प्रतिबिंब हैं जो यूरोपीय देशों में फैल रहा है जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी निवास करती है।”
My letter to leaders of Muslim states to act collectively to counter the growing Islamophobia in non-Muslim states esp Western states causing increasing concern amongst Muslims the world over. pic.twitter.com/OFuaKGu2c1
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 28, 2020
पत्र फ्रांस (France) में पैगंबर साहब पर कार्टून के प्रकाशन और फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर आया है। खान ने मुस्लिम देशों के नेताओं से ‘‘घृणा और चरमपंथ के इस चक्र को तोड़ने के लिए सामूहिक रूप से नेतृत्व करने का आग्रह किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी पैगंबर के लिए ईशनिंदा मुस्लिमों को स्वीकार्य नहीं है। पाकिस्तान ने पैगंबर साहब पर कार्टून के प्रकाशन और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान पर तीखा विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार को फ्रांसीसी राजदूत मार्क बरेती को तलब किया था।
उसी दिन विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव रखा था जिसमें फ्रांस में कार्टून के प्रकाशन और कुछ देशों में “इस्लाम के खिलाफ कृत्यों की निंदा की गयी। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था।