Japan made a mistake by detaining former Nissan top officer Carlos Ghosn, must be given compensation: Human rights group
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जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से संबद्ध मानवाधिकार विशेषज्ञों (Human Rights Experts) की एक समिति ने कहा है कि रेनॉल्ट निसान (Renault- Nissan) के पूर्व शीर्ष अधिकारी कार्लोस घोन (Carlos Ghosn) को जापान (Japan) में गलत तरीके से हिरासत में लिया गया। उन्होंने जापान सरकार से उनके लिए मुआवजा (Compensation) की अपील की।

सोमवार को प्रकाशित अपनी राय में वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन (Working Group on Arbitrary Detention) नामक यह समिति इस निष्कर्प पर पहुंची कि 2018 के आखिर और 2019 के प्रांरभ में घोन की गिरफ्तारी ‘मनमानापूर्ण’ थी। उसने जापान की सरकार से अविलंब घोन से जुड़ी चिंताओं के निवारण का आह्वान किया।

स्वतंत्र विशेषज्ञों के चार सदस्यीय समूह ने जापान से घोन की हिरासत की ‘पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच’ की मांग की और सरकार से ‘उनके अधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोंगों के विरूद्ध उपयुक्त कदम उठाने ‘ का आह्वान किया।

फ्रांसीसी, लेबनानी और ब्राजीलियन नागरिकता वाले 66 वर्षीय घोन ने दो दशक तक जापानी वाहन निर्मार्ता कंपनी निसान की अगुवाई की और उसे करीब- करीब दिवालियेपन से बाहर निकाला। उन्हें विश्वासघात, कंपनी की संपत्तियों का निजी फायदे के लिए दुरूपयोग करने और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को लेकर नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने इन गड़बड़ियों से इनकार किया था।

दिसंबर में वह जमानत पर रहने के दौरान जापान से लेबनान चले गये जिसका मतलब है कि उनके खिलाफ जापान में मुकदमा नही चलाया जायेग । इंटरपोल ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया लेकिन लेबनान से उनके प्रत्यर्पण की संभावना नहीं है।

घोन ने निसान और जापानी अधिकारियों पर निसान का उसके फ्रांसीसी गठबंधन साझेदार रिनॉल्ट एसए के साथ पूर्ण एकीकरण को रोकने के लिए उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।