वाशिंगटन. भारत (India) में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में सिख-अमेरिकी युवाओं ने प्रदर्शन किया और इस दौरान खालिस्तानी (Khalistan)अलगाववादियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किया। ग्रेटर वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और वर्जीनिया के अलावा न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहायो और नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों से आए सैंकड़ों सिखों ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास तक कार रैली निकाली।
#WATCH | Washington DC: Khalistan flag draped over Mahatma Gandhi statue near the Indian embassy. Protesters were demonstrating against the Farm bills. pic.twitter.com/8G9ngHyAeZ
— ANI (@ANI) December 12, 2020
इसी दौरान भारत विरोधी पोस्टरों और बैनरों के साथ खालिस्तानी झंडे लिए कुछ सिख वहां आए। कई बैनरों पर ‘‘खालिस्तान गणराज्य” लिखा हुआ था। इनमें से कुछ खालिस्तानी सिख कृपाण हाथ में थामे महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आए और उस पर एक पोस्टर चिपका दिया। इस समूह ने भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए। भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर ‘‘प्रदर्शनकारियों के रूप में गुंडागर्दी करने वाले लोगों के इस दुष्ट कृत्य” की निंदा की। दूतावास ने कहा कि उसने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराया है और अपराधियों के खिलाफ जांच एवं कानून के तहत कार्रवाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सामने भी यह मामला उठाया है। जब शनिवार दोपहर को यह सब हुआ, उस समय वाशिंगटन डीसी पुलिस और सीक्रेट सर्विस के कर्मी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे।
इसके करीब आधे घंटे बाद खालिस्तानी समर्थकों के एक अन्य समूह ने प्रतिमा के गले में रस्सी की मदद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोस्टर बांध दिया। इसके एक घंटे से भी अधिक समय बाद सीक्रेट सर्विस का एजेंट प्रतिमा की ओर आता दिखाई दिया और उसने खालिस्तान समर्थकों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 जून को एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार अमेरिका में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने या किसी स्मारक का अनादर करने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है। महात्मा गांधी की इस प्रतिमा का तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने 16 सितंबर, 2000 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में अनावरण किया था। प्रतिमा के अनादर की यह घटना दूसरी बार हुई है। इससे पहले दो और तीन जून की मध्यरात्रि को भी इसी प्रकार की घटना हुई थी।(एजेंसी)