पाकिस्तान में सामूहिक बलात्कार के दो संदिग्धों में से एक ने पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण

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लाहौर. पाकिस्तान (Pakistan) के मध्य पंजाब प्रांत में एक निर्जन राजमार्ग पर एक महिला से सामूहिक बलात्कार (Lahore motorway gang-rape) के दो संदिग्धों में से एक ने रविवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण(Suspects surrenders) कर दिया और मामले में अपनी किसी संलिप्तता से इनकार किया। इस घटना को लेकर देश में काफी आक्रोश उत्पन्न हुआ था। लाहौर-सियालकोट मार्ग पर गुज्जरपुरा इलाके के पास बुधवार को कार खराब होने के बाद एक महिला पर उसके तीन बच्चों के सामने हमला किया गया और उसका उत्पीड़न किया गया। पुलिस महिला से बलात्कार के प्रमुख संदिग्ध को अभी तक पकड़ नहीं पायी है। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि दो लुटेरों ने उससे उसके बच्चों के सामने बंदूक के बल पर बलात्कार किया। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि उससे बलात्कार उस समय किया गया जब वह राजमार्ग पर अपनी कार खराब होने के बाद मदद के लिए इंतजार कर रही थी। इस घटना को लेकर लोगों ने काफी आक्रोश जताया।

लाहौर, कराची, इस्लामाबाद और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन किये गए और प्रदर्शनकारियों ने इमरान खान सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) ने बताया कि संदिग्ध वकारुल हसन ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया और उसने बताया कि वह इस अपराध में शामिल नहीं था। हसन ने पुलिस को बताया, ‘‘जिस सिम का डेटा जियो-फेंसिंग में सामने आया है उसका इस्तेमाल मेरे साले द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और उसका प्रमुख संदिग्ध आबिद अली के साथ संबंध है।” उसकी मां ने भी प्रधानमंत्री से न्याय सुनिश्चित करने की मांग की क्योंकि उसका पुत्र ‘‘बेगुनाह” है और उसने सरकार द्वारा उसे मामले में एक संदिग्ध घोषित किये जाने के बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने उसकी डीएनए जांच कराने का निर्णय किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बूजदार, मंत्रियों बशारत रजा, फैयाजुल हसन चौहान, प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शहबाज गिल और पुलिस महानिरीक्षक इनाम गनी ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की थी कि सरकार ने मामले के ‘‘असली दोषी- आबिद अली (प्रमुख संदिग्ध) और उसके सहयोगी वकारुल हसन का पता लगा लिया है। उन्होंने दावा किया कि आबिद अली के डीएनए का मिलान पीड़ित के कपड़ों से लिये गए नमूने से कर लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने दावा किया था कि संदिग्धों की पहचान ‘वैज्ञानिक साक्ष्य’ के जरिए की गई। विपक्ष ने ‘वास्तविक दोषियों’ को गिरफ्तार करने और यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि जनता के दबाव को कम करने के लिए किसी निर्दोष को नहीं पकड़ा जाए।

आईजीपी गनी ने बताया था कि मुख्य संदिग्ध की पहचान लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर बहावलनगर के फोर्ट अब्बास के रहने वाले 27 वर्षीय आबिद अली के रूप में हुई है। उन्होंने कहा था, ‘‘आबिद अली के डीएनए का मिलान हो गया है और पुलिस जल्द ही उसे और उसके साथी वकारुल हसन को गिरफ्तार करेगी। अली 2013 में अपने आवासीय क्षेत्र में एक महिला और उसकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार में भी शामिल था।” उन्होंने कहा कि अली को पकड़ लिया गया था, लेकिन उसे प्रभावित परिवार द्वारा दबाव में क्षमा करने के चलते जेल से रिहा कर दिया गया था। पुलिस ने रविवार को अली के पिता और दो भाइयों को भी गिरफ्तार किया। महिला कुछ महीने पहले अपने बच्चों के साथ फ्रांस से लौटी थी, जहां वह अपने पति के साथ रहती थी। (एजेंसी)