काहिरा. यमन (Yemen Fire) की राजधानी सना में रहने वाले प्रवासी समुदाय ने पिछले सप्ताह यहां लगी आग के मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराए जाने की मांग की है। प्रवासियों के एक हिरासत केंद्र (Migrant Community) में लगी इस आग में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। सना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इथियोपियाई समुदाय के नेता ओटमन गिल्टो (Othman Gilto) ने हादसे के लिए हुती विद्रोहियों की ‘लापरवाही’ को जिम्मेदार ठहराया जिसका सना पर नियंत्रण है।
उन्होंने इसके साथ ही यमन में सहायता के लिए मौजूद संयुक्त राष्ट्र को भी जिम्मेदार ठहराया। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेंट (आईओएम) (International Organization for Migration)(IOM)संगठन के मुताबिक, गत रविवार को जब आग लगी तो हिरासत केंद्र में करीब 900 प्रवासी थे, जिनमें से अधिकतर इथियोपिया के निवासी थे। इनमें से करीब 350 प्रवासी एक गोदाम में बंद थे। आईओएम के महानिदेशक ने कहा, ‘‘ हिरासत केंद्र में क्षमता से तिगुने लोग थे, जो अमानवीय और असुरक्षित है।” (एजेंसी)