Civil war feared in Myanmar, UN envoy warns
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    जिनेवा: म्यांमार (Myanmar) में सैन्य तख्तापलट (Military Coup), रूस (Russia) में विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी (Opposition leader Alexei Navalny) की गिरफ्तारी और इथियोपिया एवं श्रीलंका (Sri Lanka) जैसे देशों की स्थिति को लेकर बढ़ी चिंता के बीच संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के शीर्ष मानवाधिकार निकाय की वर्ष 2021 में पहली उच्च स्तरीय बैठक सोमवार को शुरू हुई।

    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की चार हफ्ते तक चलने वाले सत्र के तहत ‘उच्च स्तरीय चर्चा’ में कई राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री शामिल होंगे। इनमें वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के भी संबोधित करने का कार्यक्रम है, जिनकी सरकार पर विरोधियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने के आरोप लगे हैं।

    अमेरिका भी करीब ढाई साल के बाद परिषद की कार्यवाही में भागीदारी करेगा। ढाई साल तक तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में अमेरिका परिषद से हट गया था। इस सत्र में चीन द्वारा उइगर मुसलमानों के प्रति रवैया, इथियोपिया सरकार द्वारा तिग्रे इलाके में कार्रवाई, निकारगुआ जैसे देशों में सरकार प्रायोजित हिंसा आदि पर चर्चा होने की संभावना है।

    संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘दुनिया के हर कोना मानवाधिकार उल्लंघन की बीमारी से जूझ रहा है।” परिषद के एजेंडे में म्यांमा में इस महीने की शुरुआत में सैन्य तख्तापलट एवं उसके बाद शुरू हुए प्रदर्शन को दबाने के लिए हिंसक कार्रवाई शीर्ष पर है।