वाशिंगटन: इजराइल (Israel) और फलस्तीन (Palestine) के बीच युद्ध के आठवें दिन सोमवार को अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe biden) ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) से फोन पर बातचीत के दौरान ‘‘संघर्ष विराम का समर्थन” किया। व्हाइट हाउस ने इस बारे में बताया।
बाइडन का यह कदम इस बात का संकेत है कि अमेरिका चाहता है कि हमास के साथ इजराइल की शत्रुता खत्म हो। डेमोक्रेट और अन्य सदस्यों द्वारा इजराइल और गाजा के हमास शासकों के बीच तत्काल संघर्ष विराम की बढ़ती मांग के बीच बाइडन प्रशासन ने सोमवार को इस मुद्दे से दूरी बना ली। इजराइल और फलस्तीन के बीच लड़ाई दूसरे हफ्ते में पहुंच गयी है जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गये हैं। इनमें से अधिकतर गाजा में फलस्तीनी नागरिक हैं।
अमेरिका, इजराइल का शीर्ष सहयोगी देश है। इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के जोर पकड़ने और आम नागरिकों की मौत पर ‘‘गंभीर चिंता” जताते हुए 15 देशों वाले संयुक्त सुरक्षा परिषद के सर्वसम्मत बयान को अमेरिका ने तीसरी बार रोक दिया। आखिरकार सोमवार को अमेरिका द्वारा खारिज करने के बाद सुरक्षा परिषद का बयान कम से कम फिलहाल के लिए निष्प्रभावी हो गया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका इसके बजाय ‘‘शांति, गहन कूटनीति” पर ध्यान दे रहा है। हालांकि इजराइल-फलस्तीन विवाद में अन्य देशों की अपील का अब तक कोई असर दिखता प्रतीत नहीं हो रहा है। नॉर्डिक देशों की यात्रा पर गये अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कहा कि शांत अमेरिका ने गाजा पट्टी और इजराइल में शत्रुता कम करने के लिए प्रयास किया है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रविवार को सुरक्षा परिषद की आपात उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि अमेरिका इस लड़ाई को रोकने के लिए ‘‘कूटनीतिक माध्यमों से अथक प्रयास कर रहा है।” हालांकि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद द्वारा बयान जारी करने और विवाद खत्म करने के संबंध में चीन, नॉर्वे और ट्यूनीशिया के कदम पर रोक लगा दी। संकट को कम करने के लिए ब्लिंकन ने उप सहायक हैदी आमर को इजराइल भेजा है, जिन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की। हालांकि ब्लिंकन ने अपने मौजूदा दौरे में पश्चिम एशिया जाने की योजना के बारे में कोई घोषणा नहीं की है।