बीजिंग: चीन (China) ने पाकिस्तान (Pakistan) की वायुसेना (Air Force) के साथ उसकी वायुसेना के चल रहे संयुक्त अभ्यास (Joint Exercise) का सोमवार को यह कहते हुए बचाव किया कि ये अभ्यास किसी तीसरे देश के विरूद्ध नहीं है और भारत (India) को उसे वस्तुनिष्ठता के साथ देखना चाहिए।
चीन और पाकस्तान की वायुसेनाएं पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में दिसंबर के दूसरे सप्ताह से अपना वार्षिक अभ्यास ‘शाहीन (ईगल)-IX’ (Shaheen (Eagle)-IX) कर रही हैं। इस अभ्यास से पहले हाल ही चीन के रक्षा मंत्री (Defense Minister) जनरल वी फेंघे (General Wei Fenghe) ने पाकिस्तान की यात्रा की थी जिस दौरान दोनों सर्वकालिक सहयोगियों ने नये सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे।
वैसे उसका ब्योरा सामने नहीं आया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब यहां यहां मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सवाल किया गया कि दोनों वायुसेनाओं के बीच के संयुक्त अभ्यास का लक्ष्य भारत को एक संदेश देना तो नहीं हैं, तब उन्होंने कहा, ‘‘सर्वकालिक रणनीतिक साझेदारों के तौर पर चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना विनिमय है और राजनीति, अर्थव्यवस्था, सेना एवं सुरक्षा समेत विविध क्षेत्रों के बीच सहयोग है।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर क्षेत्रीय और स्थायित्व बनाये रखने के लिए कटिबद्ध है। प्रासंगिक सहयोग दोनों सेनाओं के बीच दोनों सेनाओं के बीच नियमित व्यवस्था है।” वांग ने बिना भारत का नाम लिये कहा, ‘‘ यह किसी तीसरे देश के विरूद्ध नहीं है। हम आशा करते हैं कि प्रासंगिक पक्ष इसे वस्तुनिष्ठ तरीके से इसे देख पाए।”
चीन की सेना ने पहले कहा था कि संयुक्त वायुसेना अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच 2020 की सहयोग योजना के तहत परियोजना है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा संयुक्त अभ्यास को देखने के लिए शुक्रवार को वायुसेना अड्डे पर गये थे।