Pakistan
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    इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विधानसभा Pakistan-occupied Kashmir (PoK) के लिए रविवार को मतदान हो रहा है जिसमें 45 सदस्यों को निर्वाचित करने के लिए 32 लाख मतदाता अपने मताधिकार (PoK Legislative Elections) का प्रयोग कर सकते हैं। भारत ने इससे पहले गिलगित-बाल्तिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के कार्य का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। पीओके विधानसभा में कुल 53 सदस्य हैं लेकिन इनमें से केवल 45 को सीधे निर्वाचित किया जा सकता है।

    इनमें पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। पीटीआई ने सभी 45 निर्वाचित क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पीएमएल-एन और पीपीपी ने 44 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) जिसे पाकिस्तान सरकार ने उसकी हिंसक गतिविधियों के लिए अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया था, वह 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध के बाद टीएलपी का पंजीकरण रद्द नहीं किया था जिससे वह भी चुनाव में हिस्सा ले पा रही है।

    33 निर्वाचन क्षेत्र पीओके में स्थित हैं जबकि 12 सीटें पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बसे शरणार्थियों के लिए हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकटधारियों के अलावा, कुल 261 निर्दलीय उम्मीदवार भी पीओके की 33 सीटों के लिए मैदान में हैं जबकि 56 निर्दलीय 12 शरणार्थी सीटों पर उम्मीदवारी कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर, देश की सत्तारूढ़ पार्टी ही पीओके में चुनाव जीतती है। पीओके विधानसभा के लिए पिछला चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नीत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने चुनाव जीता था। गैलप पाकिस्तान के चुनाव सर्वेक्षण के मुताबिक 44 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी को समर्थन दे रहे हैं जबकि उसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीएमएल-एन को 12 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन हासिल है। (एजेंसी)