Petition filed for the cremation of dead bodies of Muslims who died of corona in Sri Lanka rejected
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कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोरोना वायरस (Corona Virus) से जान गंवाने वाले मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के व्यक्तियों का अनिवार्य रूप से दाह संस्कार करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्चतम न्यायालय में 12 याचिकाकर्ताओं ने सरकार द्वारा अप्रैल में इस संबंध में जारी अधिसूचना को चुनौती देते हुए इसे मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया था।

बता दें कि श्रीलंका की आबादी में नौ प्रतिशत हिस्सेदारी मुस्लिम समुदाय की है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में जब कोविड-19 महामारी शुरू हुई तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मार्च को दिशनिर्देशों में संशोधन किया और आदेश दिया कि केवल कोविड-19 के मरीजों या संदिग्ध संक्रमितों की मौत होने पर दाह संस्कार होगा। यह दिशानिर्देश मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति की कोविड-19 से हुई मौत के बाद जारी किया गया।

हालांकि, सरकार ने 11 अप्रैल को गजट अधिसूचना जारी कर कोविड-19 से संबंधी मौतों के मामले में मृतकों के दाह संस्कार को अनिवार्य बना दिया। मुस्लिम नेताओं ने इस अधिसूचना का विरोध करते हुए कहा कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशनिर्देशों का उल्लंघन है क्योंकि उसने कहा है कि मृतक को ‘दफनाया और दाह संस्कार” दोनों किया जा सकता है। कई मानवधिकार संगठनों ने अधिसूचना में बदलाव करने और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आस्था का सम्मान करने की अपील की थी।