British High Court allows Nirav Modi to appeal in extradition case
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लंदन. नीरव मोदी (Nirav Modi) के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटिश अदालत (UK court) ने बृहस्पतिवार को भगोड़े हीरा व्यापारी के परिवार में आत्महत्या के इतिहास के बारे में और जेल में बिगड़ रहे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों की राय सुनी। अदालत को यह भी बताया गया कि अगर नीरव को काल कोठरी में रखा जाता है तो उसका मानसिक स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश सैमुएल गूजी (Justice Samuel Goozee)के समक्ष मामले की सुनवाई के चौथे दिन बचाव पक्ष ने तीन गवाह पेश किए।

तीनों ने 49 वर्षीय व्यापारी के गंभीर अवसाद से ग्रस्त होने, कोविड-19 के खतरे और मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में सुविधाओं की कमी पर अपनी विशेषज्ञ राय दी। मुकदमे की सुनवाई पांच दिन तक चलनी है। अगर नीरव को भारत लाया जाता है तो उसे मुंबई की जेल में रखा जाना है। पंजाब नेशनल बैंक के करीब 2 अरब डॉलर राशि के घोटाले और धन शोधन से जुड़े मामले में भारतीय अधिकारियों की ओर से पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस ने दलील दी की मुंबई की ऑर्थर रोड जेल के बैरक 12 की स्थिति कोविड-19 के मामले में लंदन के वैंड्सवर्थ जेल के मुकाबले बेहतर होगी, फिलहाल जहां नीरव मोदी बंद है।(एजेंसी)