Protests over the making of videos of policemen in France, photos of public law

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पेरिस: फ्रांस (France) में पुलिसकर्मियों (Police Officials) का वीडियो (Video) बनाने और उनकी तस्वीरें सार्वजनिक करने से संबंधित प्रस्तावित नए कानून (Law) को लेकर प्रदर्शन भड़क उठे हैं क्योंकि नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को लगता है कि इससे उनकी स्वतंत्रता प्रभावित होगी तथा उनसे पुलिस बर्बरता के मामलों के खिलाफ आवाज उठाने संबंधी माध्यम छिन जाएगा।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैन्युएल मैक्रों (Emmanuel Macron) की सरकार एक नया सुरक्षा विधेयक लाने जा रही है जो नुकसान पहुंचाने के इरादे से पुलिस अधिकारियों के वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक करने सहित अन्य चीजों को प्रतिबंधित करता है। आलोचकों को डर है कि नए कानून से प्रेस की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है और सभी नागरिकों के लिए पुलिस की बर्बरता की सूचना देना मुश्किल हो सकता है। इस संबंध में अश्वेत संगीतकार मिशेल जेसलर ने कहा, ‘‘मैं काफी भाग्यशाली था कि मेरे पास ऐसे वीडियो थे जिन्होंने मुझे बचा लिया।” इस संगीतकार की हाल में कई पुलिस अधिकारियों ने पिटाई कर दी थी।

घटना से संबंधित वीडियो बृहस्पतिवार को फ्रांसीसी वेबसाइट ‘लूपसाइडर’ पर सार्वजनिक हो गए। इन वीडियो को एक करोड़ चालीस लाख से अधिक लोगों ने देखा और देश में आक्रोश भड़क उठा। मारपीट के आरोपी दो पुलिस अधिकारी अब जेल में हैं, वहीं दो अन्य जमानत पर हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है।

विधेयक के मसौदे पर अभी संसद में चर्चा चल रही है, लेकिन इससे देश में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों का आह्वान प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थकों तथा नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने किया है। पेरिस में शनिवार को हजारों लोगों ने सरकार के कदम के विरोध में मार्च निकाला जिसमें पुलिस के हाथों मारे गए लोगों के परिजन और मित्र भी शामिल रहे।

प्रस्तावित कानून का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार के कदम से प्रेस की स्वतंत्रता प्रभावित होगी तथा इससे पुलिस बर्बरता से जुड़े मामलों की सूचना देना कठिन हो जाएगा।