US-Iran talks on nuclear program, to be discussed in Austria, know the whole matter

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तेहरान: ईरान (Iran) के राष्ट्रपति ने बुधवार को एक बार फिर उम्मीद जताई कि अमेरिका (America) के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) अमेरिका की उसी ईरान नीति पर लौटेंगे जहां वह चार साल पहले उपराष्ट्रपति के तौर पर चीजें छोड़कर गए थे।

सरकारी टीवी ने खबर दी है कि हसन रूहानी (Hasan Rouhani) ने कहा कि अगर ईरान और अमेरिका 20 जनवरी 2017 से पहली वाली स्थिति पर लौट सकें तो यह कई मुद्दों और समस्याओं का बड़ा समाधान होगा।

20 जनवरी 2017 को अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कार्यभार संभाला था। ट्रंप शासन के तहत अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बेहद बढ़ गया था और इस साल के शुरू में दोनों देश युद्ध के मुहाने पर आ गए थे।

ट्रंप ने एक तरफा तरीके से 2018 में अमेरिका को परमाणु समझौते से अलग कर लिया था। इस समझौते के तहत ईरान के यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने के बदलने में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए गए थे। इसके बाद से ट्रंप ईरान पर प्रतिबंध लगाते रहे जिससे देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई।

रूहानी ने बाइडन से अपील की वह ट्रंप के अधिकतम दबाव अभियान की निंदा करें और बीते चार साल में जिन गलत नीतियों का अनुसरण किया गया है उसके लिए क्षतिपूर्ति दें। वह शायद ट्रंप की पाबंदियों की वजह से ईरान को हुए भारी आर्थिक नुकसान का हवाला दे रहे थे।

ईरान और विश्व शक्तियों के बीच परमाणु समझौता हुआ था। जब अमेरिका इस समझौते अलग हुआ और ईरान पर प्रतिबंध लगाए तो ईरान ने यूरोप पर दबाव बनाने के लिए धीरे-धीरे यूरेनियम संवर्धन की सीमा को पार कर लिया जो परमाणु समझौते में लगाई गई थी।