The UN expressed concern over the increasing number of displaced since the military coup in Myanmar, saying - around 4,000-6,000 refugees sought security in India
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    यांगून: म्यांमार (Myanmar) में इस महीने की शुरूआत में हुए सैन्य तख्तापलट (Military Coup) के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) कर रहे लोगों पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई बढ़ा दी है। देश के दो बड़े शहरों एवं अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों (Protestors) के जमा होने से पहले ही वहां पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये। कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने में और गिरफ्तारियां करने में सुरक्षा बल कहीं अधिक आक्रामक नजर आएं। पहले की तुलना में कहीं अधिक संख्या में सादी वर्दी में पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया।

    सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट की गई तस्वीरों से प्रदर्शित होता है कि यांगून और मोनयवा में लोगों ने पुलिस को अपनी ओर आने से रोकने की कोशिश के तहत सड़कों पर अवरोधक लगा दिये। म्यांमार के दो बड़े शहरों यांगून और मंडाले में शनिवार को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। आंग सान सू ची की सरकार बहाल करने की मांग को लेकर वहां प्रतिदिन सड़कों पर शांतिपर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं।

    सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने पिछले चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी। पुलिस म्यांमार के सैन्य शासन द्वारा जारी लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने वाले आदेश को लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। इस आदेश के तहत पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है।

    देश में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट की घटना के बाद कई अन्य शहरों में भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस को मोनयवा में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। सोशल मीडिया पर मोनयवा में एक प्रदर्शनकारी के मारे जाने की अपुष्ट सूचना है।

    स्वतंत्र संस्था ‘असिसटेंस एसोसिएशन ऑफ पॉलिटीकल प्रिजनर्स’ के मुताबिक शुक्रवार तक 771 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, शुक्रवार को कम से कम तीन लोग गोलियां लगने से घायल हो गये, जिनमें से से दो को रबर की गोलियां लगी थी।