UN calls emergency meeting amid Russia-Ukraine tensions, UN chief urges Putin to 'solve issues peacefully'
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    मॉस्को (रूस): चेक गणराज्य (Czech Republic) द्वारा 18 रूसी राजनयिकों (Russian Diplomats) को सैन्य खुफिया एजेंसी (Army Secret Agency) का जासूस (Spy) बताकर निष्कासित किए जाने के जवाब में रूस ने चेक गणराज्य के 20 राजनयिकों को एक दिन के भीतर देश से बाहर जाने का आदेश दिया है। चेक गणराज्य का आरोप है कि ये 18 रूसी राजनयिक देश में गोला-बारूद के एक डिपो में 2014 में हुए विस्फोट (Explosion) में शामिल थे।

    रूस के विदेश मंत्रालय ने चेक गणराज्य के राजदूत वितेज्स्लाव पिवोंका को रविवार शाम तलब किया और उनके देश के 20 राजनयिकों को देश से बाहर जाने का आदेश दिया। इससे पहले रूसी मंत्रालय ने चेक गणराज्य से उसके राजनयिकों को निष्कासित किए जाने को एक ‘‘शत्रुतापूर्ण कदम” बताया और कहा, ‘‘यह कदम रूस के खिलाफ लगाए गए हालिया अमेरिकी प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में अमेरिका को खुश करने के लिए उठाया गया है। चेक गणराज्य ने इस मामले में अपने विदेशी आका को भी पीछे छोड़ दिया।”

    उल्लेखनीय है कि चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस ने कहा था कि चेक गणराज्य की खुफिया एवं सुरक्षा सेवाओं ने सबूत मुहैया कराए हैं, जो एक पूर्वी कस्बे में हुए उस बड़े विस्फोट में रूसी सेना के एजेंटों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं, जिसमें ‘‘दो निर्दोष पिता” मारे गए थे। बाबिस ने कहा था, ‘‘चेक गणराज्य एक सम्प्रभु देश है और उसे इस प्रकार के अप्रत्याशित नतीजों का उचित जवाब देना ही चाहिए।”

    देश के गृह एवं विदेश मंत्री जान हामासेक ने कहा था कि रूसी दूतावास के 18 कर्मियों की पहचान रूसी जासूसों के तौर पर स्पष्ट रूप से हुई हैं और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। वर्बेटिका में 16 अक्टूबर, 2014 को एक डिपो में हुए विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी। डिपो में 50 टन गोला-बारूद रखा था।