नई दिल्ली: सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने पहली मर्तबा मक्का के शाही मस्जिद (Shahi Masjid) में मौजूद मक़ाम-ए-इब्राहिम (Maqam-E-Ibrahim) की कुछ नायाब तस्वीरें साझा की हैं। सऊदी अरब के मक्का और मदीना (Mecca and Medina) के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी ने मक़ाम-ए-इब्राही के मंज़र को एक नई तकनीक के साथ कैप्चर किया जिसमें स्टैक्ड पैनोरमिक फोकस का इस्तेमाल किया गया है। इस्लाम की रिवायत के मुताबिक, मकाम-ए-इब्राहिम वह पत्थर है जिसका उपयोग इब्राहिम (इस्लाम) ने मक्का में काबा की तामीर के दौरान दीवार बनाने के लिए किया था ताकि वह उस पर खड़े होकर दीवार बना सकें। देखें ये दुर्लभ तस्वीरें…
पैगंबर के पैरों के निशान को बचा कर रखने के लिए पत्थर को सोने, चांदी और कांच के एक फ्रेम से सजाया गया है। मुसलमानों का मानना है कि जिस पत्थर में पदचिह्न के छाप हैं, वह सीधे जन्नत से पाक काले पत्थर हज-ए-असवद के साथ आया था।
एक दैनिक समाचार पत्र के मुताबिक, मक़ाम-ए-इब्राहिम का आकार वर्गाकार है जिसमें बीच में दो अंडे आकार जैसे गड्ढे हैं जिनमें पैगंबर इब्राहिम के पैरों के निशान हैं। मक़ाम-ए-इब्राहिम का रंग सफेद, काला और पीला (छाया) के बीच है जबकि इसकी चौड़ाई, लंबाई और ऊंचाई 50 सेमी है।
मक़ाम-ए-इब्राहिम खान-ए-काबा के गेट के सामने स्थित है जो पूर्व में सफा और मारवाह की ओर जाने वाले हिस्से में लगभग 10-11 मीटर की दूरी पर है।