Shahbaz Sharif,
File Photo-PTI

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लाहौर: सात अरब रुपये के धनशोधन (Money Laundering) मामले में लाहौर उच्च न्यायालय (Lahore High Court) द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने पर पाकिस्तान (Pakistan) के नेता प्रतिपक्ष एवं पीएमएल-एन (PMLA-N) के अध्यक्ष शाहबाज़ शरीफ (Shahbaz Sharif) को सोमवार को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया गया।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई शाहबाज़ को अदालत परिसर से गिरफ्तार किया गया, जहां सुनवाई से पहले बड़ी संख्या में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ता एकत्र हो गए। शाहबाज़ को भ्रष्टाचार रोधी इकाई राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारी लाहौर हिरासत केंद्र ले गए। उन्हें रिमांड के लिए जवाबदेही अदालत में पेश किया जाएगा।

सरदार अहमद नईम की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने एनएबी की टीम और शहबाज़ के वकीलों की दलील सुनने के बाद शहबाज़ की जमानत याचिका खारिज कर दी। इमरान खान (Imran Khan) सरकार ने पिछले सप्ताह 69 वर्षीय शहबाज़ और उनके परिवार के खिलाफ धनशोधन का मामला दायर किया था। शहबाज़ शरीफ 2008 से 2018 तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे।

प्रधानमंत्री के आंतरिक और जवाबदेही मामलों के सलाहकार शहजाद अकबर ने 23 सितंबर को आरोप लगाया था कि शहबाज़ और उनके बेटे हमजा तथा सलमान ने फर्जी खातों के जरिए धनशोधन को अंजाम दिया। शहबाज़ ने अपनी गिरफ्तारी से पहले मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान उन्हें गिरफ्तार कराना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह इमरान खान और एनएबी का अपवित्र गठबंधन है, जो मुझे सलाखों के पीछे भेजना चाहता है।”

उनकी गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरयम नवाज़ ने कहा कि शहबाज़ को केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने अपने बड़े भाई को नहीं छोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक उत्पीड़न कर रही है। प्रतिशोध की कार्रवाई उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला नहीं तोड़ सकती।

पीडीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी शहबाज़ की गिरफ्तारी की निन्दा की और कहा कि इमरान खान को अपदस्थ करने के लिए विपक्षी दलों के ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक एलायंस’ बनाने के बाद प्रधानमंत्री डर गए हैं।