इस्लामाबाद: जाने-माने वास्तुकार (Architect) और समाजसेवी सर गंगाराम (Sir Gangaram) के लाहौर (Lahore) स्थित समाधि स्थल को पाकिस्तानी प्रशासन (Pakistan Administration) जल्द आम जनता के लिए एक बार फिर से खोलने वाला है। बताया जा रहा कि, मई महीने के आखिर में सर गंगाराम का समाधि स्थलआम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। बता दें कि, ये 10 साल पहले कुछ लोगों ने इस स्थल पर अवैध कब्जा कर लिया था। प्रशासन ने इस स्थल को कब्जा मुक्त करा लिया है। जिसके बाद इसे फिर से खोलने की योजना बनाई गई है।
लाहौर में टक्साली गेट के पास सर गंगाराम की समाधि मौजूद है। कुछ लोगों के इस पर अवैध कब्जा करने के बाद पिछले एक दशक से इस स्थल को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने कहा है कि, इस जमीन को वापस ले लिया गया है और सर गंगाराम समाधि का अब रिनोवेशन कराया जा रहा है। रिनोवेशन इस महीने के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद समाधि को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। प्रशासन यहां एक आर्ट गैलरी भी खोलने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, आने वाले दिनों में यहां होने वाले उद्घाटन समारोह में स्थानीय हिंदुओं को आमंत्रित भी किया जाएगा।
सर गंगाराम का योगदान
लाहौर से करीब 65 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब के पास मंगतवाला में 1851 में जन्मे राय बहादुर गंगाराम पेशे से एक सिविल इंजीनियर और वास्तुकार थे । उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर की शहरी संरचना में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने लाहौर उच्च न्यायालय, एटचिसन कॉलेज, हेली कॉलेज ऑफ कॉमर्स, लाहौर म्यूजियम, मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स जैसी अहम जगहों के मशहूर भवनों का डिजायन तैयार किया था। सर गंगाराम ने लाहौर में अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन दान में भी दी थी।