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इस्लामाबाद: अफगानिस्तान की जेलों में बंद तालिबान बंदियों की होने वाली रिहाई से पहले विद्रोही समूह ने मंगलवार को काबुल में सरकार को रिहा किये जाने वाले बंदियों के खिलाफ किसी भी तरह के हमले को लेकर चेतावनी दी है। समूह ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से शांति वार्ता को खतरा होगा।

तालबिान के एक प्रवक्ता ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि पिछले कुछ महीनों में इस तरह के कम से कम 11 हमले हुए हैं और ऐसे उदाहरण है जब रिहा किये गये तालिबान सदस्यों को मारा गया , उनका उत्पीड़न किया गया और सरकारी बलों द्वारा उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया। काबुल के अधिकारियों ने तालिबान के रिहा किये गये सदस्यों पर हमलों से इनकार किया है। इस वर्ष की शुरूआत में अमेरिका के साथ हुए तालिबान के एक समझौते के तहत इन बंदियों को रिहा किया जाना है। इस समय सरकार की जेलों में तालिबान के 400 बंदी हैं।

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने आगाह किया कि यदि रिहा किये गये बंदियों पर हमले होते है तो ये हमले उन्हें , परिवार के साथ घर पर रहने के , उनके नेताओं के आदेशों के बावजूद उन्हें वापस युद्ध के मैदान में ले जाएंगे। दशकों के युद्ध को समाप्त करने के लिए तालिबान ने अमेरिका के साथ 29 फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। सरकार को समझौते के तहत पांच हजार बंदियों को रिहा करना था और लगभग सभी को रिहा किया जा चुका है लेकिन अभी 400 बंदियों को रिहा किया जाना है।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सेदिक सिद्दीकी ने रिहा किये गये तालिबान बंदियों को गिरफ्तार करने या बिना कारण उन पर हमला करने से इनकार किया है। (एजेंसी)