पाकिस्तान (Pakistan) की हालात क्या है अब तो यह पूरा विश्व (World) जनता है। वहीं वहां से आए दिन ऐसी ख़बरें (News) भी आती रहती हैं, जहाँ इस देश के कानून (Country Laws) पर सवाल (Questions) उठाए जाते हैं। इस देश में कानून व्यवस्था (Law and order) नाम कि कोई चीज़ ही नहीं मानी जाती है। यहाँ धर्मों (Religions) को लेकर आए दिन दंगे फसाद (Riots) होते रहते हैं। पाकिस्तान में किसी भी दूसरे धर्म के लिए कोई जगह नहीं। इसी चीज़ को साबित किया है पाकिस्तान के ‘खैबर पख्तूनख्वा’ (Khyber Pakhtunkhwa) की इस घटना ने, जहाँ भीड़ ने पहले मंदिर में तोड़-फोड़ (Temple Demolish) की उसके बाद मंदिर को जला (Burnt Temple) दिया गया।
न ही FIR न ही कोई गिरफ्तारी-
यह घटना करक जिले के टेर्री गांव की है। वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी (Voice of Pakistan Minority) नाम के एक ट्विटर हैंडल (Twitter Handel) ने एक वीडियो को शेयर (Video Share) किया है, जिसमें मंदिर को तोड़ते हुए लोगों को साफ देखा जा सकता है। वहां के एक पत्रकार (Reporter) के अनुसार हिंदुओं ने मंदिर (Hindu Temple) का विस्तार करने के लिए प्रशासन (Administration) से अनुमति ली थी, लेकिन स्थानीय मौलवियों ने इसे तोड़ने के लिए भीड़ को इकठ्ठा किया और मंदिर को नष्ट कर दिया। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है की स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी वहां के मूक दर्शक बने रहे। वहीं अब तक इस मामले पर न ही FIR दर्ज की गई है और न ही कोई गिरफ्तारी की गई है।
Latest visuals from KPK, an extremist mob of Muslims are burning and razing down a #Hindu temple in Karak.
The reason is unknown but look at the hatred they have towards the religious minorities.
A little argument is all it takes here to destroy the lives of minorities. pic.twitter.com/rtoKFyk7yi— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) December 30, 2020
सुप्रीम कोर्ट के आदेश मंदिर का जीर्णोद्धार-
करक जिले के तेरी गांव में स्थित इस मंदिर में परमहंस जी महाराज की समाधि है। वर्ष 2015 में एक सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक इस मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार किया जा रहा था। लेकिन पाकिस्तान की उग्र भीड़ को यह मंज़ूर नहीं था इसलिए उन्होंने इस मंदिर को तोड़ दिया और फिर बाद में जला भी दिया। बता दें कि इस मंदिर को इससे पहले 1997 में एक स्थानीय मुफ्ती ने नष्ट कर दिया था और इस पर अवैध कब्ज़ा भी कर लिया था।
हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया-
पाकिस्तान के इस शर्मसार मामले पर पेशावर के हिंदू समुदाय के नेता ‘हारून सरब दियाल’ ने कहा कि मंदिर में एक हिंदू धार्मिक नेता की समाधि थी, जहाँ देशभर के लोग आकर पूजा किया करते थे। इसे तोड़कर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया गया है। इस मामले पर इस्लामिक विचारधारा परिषद को संज्ञान लेना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हैं, लेकिन यहां अल्पसंख्यकों के मंदिरों को गिराया जा रहा है। वहीं आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो पाकिस्तान में फिलहाल 75 लाख हिंदू रहते हैं लेकिन समुदाय के मुताबिक पाकिस्तान में 90 लाख से ज़्यादा हिंदुओं कि संख्या है।