There is no reason to include coal in the plan to deal with covid-19_ UN Secretary General

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संयुक्त राष्ट्र. भारत में कोयले की खदानों के व्यावसायिक खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के एक सप्ताह बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि कोविड-19 आपदा से निपटने के लिए किसी भी देश द्वारा बनाई गई योजना में कोयले को शामिल करने का कोई कारण नहीं है और इसके बजाय प्रदूषण नहीं फैलाने वाले ऊर्जा स्रोतों में निवेश किया जाना चाहिए। कोविड-19 से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए प्रयासों पर गुतारेस ने बृहस्पतिवार को एक दस्तावेज जारी किया जिसमें पिछले तीन महीनों में किए गए कार्य और भविष्य की रूपरेखा का उल्लेख है।

एक डिजिटल प्रेस सम्मेलन में गुतारेस ने कहा, “हम भूतकाल में जाकर वही नहीं कर सकते जो पहले था। हम उस व्यवस्था को पुनः नहीं बना सकते जिससे संकट और बढ़ा है। हमें और बेहतर तरीके अपनाने होंगे जो अधिक टिकाऊ, समावेशी, लैंगिक समानता के अनुरूप समाज और अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकें।” गुतारेस ने कहा, “उदाहरण के लिए कोविड-19 से निपटने के लिए किसी भी देश द्वारा बनाई गई योजना में कोयले को शामिल करने का कोई कारण नहीं है। इस समय ऊर्जा के उन स्रोतों में निवेश करने की जरूरत है जिनसे प्रदूषण न हो, रोजगार बढ़े और धन की बचत हो सके।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि गुतारेस की टिप्पणी भारत के संदर्भ में थी जिसने हाल ही में व्यावसायिक खनन के लिए कोयले की खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि भारत का निर्णय चिंताजनक है क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन के बाद अन्य देश भी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सप्ताह कोयले की 41 खदानों के व्यावसायिक खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी। इस निर्णय से भारत की निजी कंपनियों के लिए कोयला क्षेत्र में अवसर के दरवाजे खुल गए हैं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।(एजेंसी)