वाशिंगटन. अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीन की हालिया आक्रामकता पड़ोसियों के खिलाफ उसकी बड़े पैमाने पर सैन्य उकसावे वाली कार्रवाई का हिस्सा है और अमेरिका शांतिपूर्ण देशों को धमकाए जाने की चीन की नियोजित सैन्य कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। कांग्रेस सदस्य टेड योहो ने कहा कि अब दुनिया के लिए एकजुट होने और चीन को यह बताने का वक्त आ गया है कि बस बहुत हुआ। योहो ने शुक्रवार को कहा, ‘‘भारत के प्रति चीन की कार्रवाई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की वृहद प्रवृत्ति के अनुरूप है कि क्षेत्र में अपने पड़ोसियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रामकता शुरू करने के लिए आड़ के रूप में कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर भ्रम का इस्तेमाल किया जाए।”
The #UnitedStates will not stand for unprovoked, premeditated military action for the purpose of antagonizing & intimidating peaceful nations into submission. Now is the time for the world to come together & tell #China that enough is enough.
— Ted Yoho (@RepTedYoho) June 26, 2020
रिपब्लिकन सांसद ने ट्वीट किया कि अमेरिका शांतिपूर्ण देशों को डराने-धमकाने की पूर्व नियोजित सैन्य कार्रवाई का साथ नहीं देगा। इससे पहले प्रतिनिधि सभा में सबसे लंबे समय तक भारतीय-अमेरिकी सांसद रहे डॉ. एमी बेरा ने भारत के साथ सीमा पर चीन की आक्रामकता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बल की बजाय तनाव को कम करने के वास्ते भारत के साथ कूटनीतिक तंत्र का इस्तेमाल करने के लिए चीन को प्रेरित करता हूं।” एशिया मामलों की सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के अध्यक्ष बेरा ने कहा कि वह भारत के साथ सीमा पर चीन की निरंतर आक्रामकता को लेकर चिंतित हैं। (एजेंसी)