More than 10 million Corona cases in US so far, Trump refuses to impose nationwide lockdown

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न्यूयार्क: ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने अमेरिका (America) की शीर्ष जन स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के बारे में जारी की जा रही सूचनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश के तहत उसमें दो राजनीतिक सदस्यों की नियुक्ति की है।

दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का प्रशासन महामारी पर नियंत्रण के बारे में कथित तौर पर सकारात्मक आंकड़े और सूचना सार्वजनिक करना चाहता है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अटलांटा मुख्यालय में जून में ये दो नियुक्तियां की गई, जिनकी जन स्वास्थ्य की कोई पृष्ठभूमि नहीं रही है। उन्हें एजेंसी के निदेशक डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड और वैज्ञानिकों पर नजर रखने का कार्य सौंपा गया है।

सीडीसी और प्रशासन के करीब आधा दर्जन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के बारे में लीक हुई कुछ सूचनाओं के परेशानी का सबब बनने के बाद एजेंसी में ये नियुक्तियां की गई।

हालांकि, उनकी भूमिका वरिष्ठ सीडीसी कर्मियों के लिये एक रहस्य बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि इनमें से एक, नीना विटकोफस्की कार्यवाहक चीफ ऑफ स्टाफ बनाई गई हैं, यह रेडफील्ड के दायें हाथ के तौर पर एक प्रभावशाली भूमिका है। वहीं, दूसरी अधिकारी उनकी डिप्टी, ट्रे मोइलर वैज्ञानिक बैठकों में शामिल हुआ करती हैं।

संघीय चुनाव रिकार्ड के मुताबिक, विटकोफस्की ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप के प्रचार अभियान में एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। वह 2000 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान में एक कार्यक्रम निदेशक रही थीं। शुरूआत में उन्हें रेडफील्ड की वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया था। सीडीसी के कई अधिकारियों से की गई बातचीत के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों नियुक्तियां किस हद तक एजेंसी के काम को प्रभावित कर रही हैं।

हालांकि, अमेरिकी संसद के जांचकर्ता सीडीसी के वैज्ञानिक प्रकाशनों, दिशानिर्देश दस्तावेजों और वेब पोस्ट में बढ़ती राजनीतिक दखलंदाजी के साक्ष्य मिलने के बाद इस विषय की छानबीन कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं, सीडीसी के प्रवक्ता ने यह पुष्टि की है कि एजेंसी में काम कर रहीं विटकोफस्की और मोइलर, रेडफील्ड को रिपोर्ट कर रही हैं। लेकिन और अधिक जानकारी नहीं दी।

मोइलर ने समाचार एजेंसी एपी को एक ईमेल में बताया, ‘‘मैं डॉ. रेडफील्ड के लिये काम कर रही हूं जो वैज्ञानिकों के लिये और सीडीसी के हजारों समर्पित कर्मचारियों के प्रति 100 प्रतिशत प्रतिबद्ध हैं।”

उल्लेखनीय है कि इबोला जैसी महामारी के दौरान सीडीसी अमेरिकी प्रतिक्रिया का सार्वजनिक चेहरा रहा था। उसने वैज्ञानिक आधार वाले परामर्श दिये थे। एजेंसी ने कोविड-19 महामारी की शुरूआत में भी यही भूमिका निभाई थी, लेकिन फरवरी में वायरस की जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने पर यह सवालों के घेरे में आ गई थी।

तब, फरवरी के अंत में सीडीसी की एक शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नैंसी मेसोनीयर ने संवाददाता सम्मेलन में वायरस के खतरों के बारे में बेबाकी से बोल कर ट्रंप प्रशासन के लिये परेशानी खड़ी कर दी थी, जबकि राष्ट्रपति इसे तवज्जो नहीं दे रहे थे।

मई महीने में सिलसिलेवार लीक एवं वैज्ञानिक दस्तावेज समाचार एजेंसी एपी द्वारा हासिल किये गये, जिनमें विस्तार से इस बारे में उल्लेख किया गया है कि किस तरह से व्हाइट हाउस (White house) ने महामारी के पैर पसारने के दौरान पाबंदियों को हटाने के बारे में समुदायों के लिये सीडीसी के विस्तृत दिशानिर्देशों को दबा दिया। मौजूदा एवं पूर्व अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में मीडिया में आई खबरों से नाराज प्रशासन ने सीडीसी पर नकेल कसने की नये सिरे से कोशिशें शुरू कर दी।