बार्सिलोना (स्पेन): खतरनाक समु्द्री मार्गों से होकर यूरोप (Europe) जाने की कोशिश में जान गंवा देने वाले प्रवासियों एवं शरणार्थियों की संख्या 2020 की पहली छमाही की तुलना में इस बार अबतक दुगुनी से अधिक हो गई है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की प्रवासन एजेंसी ने एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के मुताबिक जनवरी से लेकर जून तक कम से कम 1,146 लोगों की जान गई है। संगठन की रिपोर्ट में बताया गया कि समुद्री मार्गों पर सफर कर यूरोप आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है लेकिन सिर्फ 56 प्रतिशत। एजेंसी ने बताया कि लीबिया और इटली के बीच केंद्रीय भूमध्य सागरीय मार्ग सबसे घातक रहा जहां 741 लोगों की जान गई। इसके बाद था पश्चिम अफ्रीका और स्पेन के कैनरी द्वीपसमूह के बीच अटलांटिक महासागर वाला मार्ग जहां कम से कम 250 लोगों की जान चली गई। इसक अलावा स्पेन तक जाने वाला पश्चिमी भूमध्य सागर मार्ग पर कम से कम 149 लोगों तथी यूनान को जाने वाले पूर्वी भूमध्य सागर मार्ग पर कम से कम छह लोगों की मौत हुई।
संगठन ने कहा कि यूरोप तक जाने वाले समुद्री मार्गों पर मौतों की असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि कई पोतों के मलबों की जानकारी नहीं दी जाती और अन्य की पहचान करना मुश्किल होता है। मानवाधिकार संगठनों ने आगाह किया है कि सरकारी तलाश एवं बचाव पोतों की गैरमौजूदगी से, खासकर केंद्रीय भूमध्य सागर के मार्ग पर शरणार्थियों का पारगमन बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाता है क्योंकि यूरोपीय सरकारें तलाश एवं बचाव अभियानों के लिए बहुत कम संसाधनों पर निर्भर हैं जिनसे वे उत्तर अफ्रीकी देशों की मदद करती हैं।
एजेंसी की प्रवक्ता साफा मशेहली ने कहा कि इस साल अधिक मृतक संख्या के पीछे कई कारण रहे जिनमें समुद्र पार करने की कोशिश करने वाली कमजोर नौकाओं की संख्या बढ़ना, अंतरराष्ट्रीय जल में “सक्रिय, यूरोपीय, देश के नेतृत्व वाले खोज और बचाव कार्यों की अनुपस्थिति के साथ ही गैर सरकारी संगठनों पर प्रतिबंध” मुख्य कारण बने। उन्होंने कहा, “इस लोगों को ऐसे खतरनाक सफर में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।”