वाशिंगटन: अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के कार्यभार संभालने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। बाइडन 20 जनवरी को वाइट हाउस में एंट्री लेंगे लेकिन इससे पहले ही ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने रूसी (Russia) निर्मित S400 ट्राइंफ एंटी-मिसाइल सिस्टम (S400 Triumf Anti-Missile System) खरीदने के लिए तुर्की (Turkey) पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और भारत (India) और अन्य देशों को रूस द्वारा बनाए गए हथियारों को नहीं खरीदने की सलाह दी है। ट्रंप के कार्यकाल समाप्त होने के बाद जो बाड़न को अब यह नया विवाद सुलझाना होगा।
रूस के मिसाइल खरीदने की इच्छा भारत को भी है
रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस के मिसाइल खरीदने की इच्छा भारत को भी है लेकिन अमेरिका के इस फैसले के बाद अब आगे देखना होगा की अमेरिका का भारत के प्रति आगे कैसा रुख होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, तुर्की ने नियमों का उल्लंघन किया है जिसके चलते उस पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। अमेरिका ने कहा है कि, ”हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया के बाकि देश ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन्स एक्ट’ (CAATSA) के सेक्शन 231 का पालन करेंगे।”
रूस डिफेंस सिस्टम से बचें- अमेरिका
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने बयान में अमेरिका ने कहा है कि, देशों को रूस द्वारा निर्मित मिसाइलों की खरीदी से बचना चाहिए। बयान में कहा गया है कि, रूसी डिफेंस सिस्टम से देशों को बचना चाहिए क्योंकि यह उनके प्रतिबंध की वजह बन सकता है। बता दें कि, भारत ने साल 2018 में रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पांच यूनिट के लिए 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था। हालांकि एयर डिफेंस सिस्टमखरीदने का यह फैसला अमेरिका की अप्पतियों को दरकिनार कर लिया गया था लेकिन केंद्र सरकार ने डिप्लोमैटिक लेवल पर मामले को शांत कर दिया था। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन द्वारा तुर्की पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद मामला फिर से तूल पकड़ सकता है जो कि आनेवाले समय में जो बाइडन पर निर्भर करता है कि भारत के प्रति अमेरिका का आगे क्या रुख होगा।