वाशिंगटन: अमेरिका (America) के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) कभी हार स्वीकार नहीं करते, लेकिन राष्ट्रपति पद के चुनाव (Presidential Elections) में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) की जीत के बाद अब उनके पास बस दो ही विकल्प हैं: या तो वह देश की खातिर गरिमापूर्ण तरीके से हार स्वीकार कर लें या ऐसा नहीं करने पर निकाले जाएं।
चार दिन की कठिन मतणना के बाद बाइडेन की जीत के बावजूद ट्रंप अब भी यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि उनकी हार हो चुकी है। उन्होंने ‘‘निराधार” आरोप लगाए हैं कि चुनाव निष्पक्ष नहीं था और ‘‘अवैध” मतों की गणना की गई। उन्होंने इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात की है। ट्रंप के कुछ निकटवर्ती सहयोगी उन्हें गरिमापूर्ण तरीके से हार स्वीकार करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ रिपब्लिकन सहयोगी उनकी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे।
दक्षिण कैरोलाइना से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘ट्रंप हारे नहीं हैं। राष्ट्रपति जी, हार मत मानिए। मजबूती से लड़िए।” ट्रंप के निकटवर्ती लोगों का कहना है कि इस बात की उम्मीद नहीं है कि ट्रंप औपचारिक रूप से हार स्वीकार स्वीकार करेंगे, लेकिन अपने कार्यकाल के अंत में वह बेमन से व्हाइट हाउस (White House) खाली कर देंगे।
चुनाव को अनुचित बताने के ट्रंप के प्रयासों को उनके अहम की तुष्टि करने और अपने समर्थकों को यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि वह अब भी लड़ रहे हैं। ट्रंप के मित्र एवं सलाहकार रोजर स्टोन से जब यह पूछा गया कि क्या निवर्तमान राष्ट्रपति हार स्वीकार करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसे लेकर संशय है।”
स्टोन ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन पर ‘‘हमेशा शंका के बादल मंडराते रहेगे और देश के आधे लोग मानते रहेंगे कि उन्हें अवैध तरीके से चुना गया”। ट्रंप के बेटों डोनाल्ड जूनियर और एरिक ने भी अपने पिता से लड़ते रहने की अपील की है और रिपब्लिकन नेताओं से उनके साथ खड़े रहने को कहा है।
रिपब्लिकन नेता एंडी बिग्स ने भी ट्रंप को हार नहीं मानने की सलाह दी है। ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार एवं दामाद जारेद कुश्नेर समेत निवर्तमान राष्ट्रपति के कई सहयोगियों ने उनसे परिणाम स्वीकार करने की अपील की है।