वाशिंगटन: अमेरिका के फॉरेन डिपार्टमेंट (Foreign Department) ने H1-B वीजा (H1-B Visa) को लेकर नया प्रस्ताव रखा है। विभाग ने H-1B स्पेशल अस्थायी व्यापार वीजा जारी नहीं करने का प्रस्ताव दिया है। यह वीजा अमेरिकी कंपनियों को देश में प्रौद्योगिकी पेशेवरों को शार्ट टर्म (Short Term) के लिए साइट पर जाकर काम करने की अनुमति देता है।
ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने अगर इस प्रस्ताव को मान लिया तो सैकड़ों भारतीयों की रोजी-रोटी पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इस नियम से प्रतिवर्ष लगभग 8000 विदेशी कामगार प्रभावित होंगे जिनमें सैकड़ों भारतीय भी शामिल हैं।
वहीं प्रस्ताव मंज़ूर होता है तो उन संभावनाओं और शंकाओं पर पूर्ण विराम लग जाएगा जो “बी-1 एच पॉलिसी के तहत” विदेशी पेशेवरों को कुशल श्रम के लिए अमेरिका में प्रवेश करने के लिए एक वैकल्पिक रास्ता है।
चुनाव से पहले उठाया गया कदम
यह कदम तब उठाया गया है जब 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में दो हफ्ते से भी कम समय रह गया है। इससे कई भारतीय कंपनियों के प्रभावित होने की संभावना है जो अमेरिका में साइट पर नौकरियों को पूरा करने के लिए अपने तकनीकी पेशेवरों को बी-1 वीजा पर भेजती हैं।