अमेरिका उपराष्ट्रपति बहस: हैरिस ने कहा, चीन के साथ व्यापार युद्ध हार गये ट्रंप

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वाशिंगटन. अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद (America Vice presidential nominee) के लिये डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस  (Kamala Harris) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donad trump)चीन (China) के साथ व्यापार युद्ध (Manufacturing jobs)हार गये हैं। उन्होंने दावा किया कि इससे अमेरिका में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के तीन लाख अवसरों का नुकसान हुआ है। कैलिफोर्निया की 55 वर्षीय सीनेटर हैरिस ने तीन नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले बुधवार की रात उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ हुई ‘एकमात्र उपराष्ट्रपति बहस’ के दौरान पिछले चार वर्षों की ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों विशेष रूप से ‘अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध’ की आलोचना की। हैरिस ने साल्ट लेक सिटी में यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा में आयोजित बहस के दौरान दावा किया, ‘‘उपराष्ट्रपति ने इससे पहले इसे (अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध) का एक उपलब्धि के रूप में जिक्र किया।

हालांकि वह (राष्ट्रपति ट्रंप) उस व्यापार युद्ध में हार गये।” हैरिस ने कहा, ‘‘चीन के साथ तथाकथित व्यापार युद्ध के कारण अमेरिका को विनिर्माण क्षेत्र में तीन लाख नौकरियों का नुकसान हुआ है।” उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने वृहद व्यापार घाटे को काम करने की मांग करते हुए 2018 में चीन के साथ व्यापार युद्ध की शुरुआत की थी। चीन के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 2017 में 375.6 अरब डॉलर था। हैरिस ने कहा कि चीन को लेकर ट्रंप सरकार की सोच व रवैये के कारण अमेरिका के लोगों की जानें गयी हैं और अमेरिका की नौकरियों व अमेरिका की छवि का नुकसान हुआ है।

उपराष्ट्रपति पेंस ने हैरिस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार व पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन पिछले कई दशक से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चीयरलीडर रहे हैं। पेंस ने कहा, ‘‘चीन से व्यापार युद्ध हार गये? जो बिडेन ने तो कभी यह युद्ध किया ही नहीं। जो बिडेन तो पिछले कई दशक से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चीयरलीडर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सत्ता में आये, हमारे कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार घाटे के आधे से अधिक के लिये चीन अकेले जिम्मेदार था। जो बिडेन फिर से चीन के समक्ष आर्थिक आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। वह (बिडेन) राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा अमेरिका की नौकरियों व अमेरिका के कामगारों की रक्षा के लिये लगाये गये शुल्कों को हटाना चाहते हैं।”(एजेंसी)