Court issues 'Rogatory Letter' against Mallya, CBI to help in investigation
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लंदन. शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को बुधवार को ब्रिटेन उच्च न्यायालय (Britain High Court) के एक आदेश के खिलाफ अपील करने की इजाजत नहीं मिली, जिसमें अदालत ने बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) के कर्ज के संबंध में शुरू की गई दिवालिया कार्रवाई को खारिज करने से इनकार किया था। यह दिवालिया कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में भारतीय बैंकों के एक समूह ने शुरू की थी।

ब्रिटेन (Britain) में जमानत पर बाहर रह रहे 65 वर्षीय कारोबारी ने ब्रिटेन उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ नई अपील दाखिल की थी, जिसमें भारत के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में ऋण के मसले पर फैसला आने तक दिवालियापन की कार्यवाही स्थगित करने की अनुमति दी गई थी।

माल्य के वकील फिलिप मार्शल ने तर्क दिया कि बैंकों की दिवालियापन याचिका को सिर्फ स्थगित नहीं, बल्कि खारिज करना चाहिए, क्योंकि यह ऋण विवादित है और भारतीय अदालतों में इसे जानबूझकर खींचा जा रहा है। न्यायमूर्ति कॉलिन बिर्स ने लंदन में उच्च न्यायालय के अपीलीय प्रभाग की सुनवाई के दौरान कहा, “हालांकि, यह एक नया बिंदु है (अपीलीय अदालत के समक्ष), मैं इसे अपील के लिए एक उचित आधार के रूप में स्वीकार नहीं करता हूं, क्योंकि इस मसले को सुनवाई के दौरान निपटाया जा सकता है, जो अभी जारी है।”

माल्या के वकीलों ने बैंकों द्वारा भारत में कथित रूप से अघोषित प्रतिभूतियों के संबंध में प्रक्रिया के दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया। हालांकि न्यायाधीश ने कहा कि इसे पहले ही खारिज किया जा चुका है। विजय माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में 13 बैंकों ने दिवाला मुकदमा किया हुआ है। इसी सिलसिले में विजय माल्या की करीब 29 लाख पाउंड की संपत्ति कोर्ट फंड्स ऑफिस (सीएफओ) के पास जमा है।