Violent fanaticism and racial discrimination raise threat to country, revealed by a US intelligence report
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    वाशिंगटन: अमेरिका (America) के खुफिया अधिकारियों (Intelligence Officers) ने एक रिपोर्ट (Report) में कहा है कि हिंसक कट्टरपंथ (Violent fanaticism) तथा नस्ली भेदभाव (Racism) से देश को खतरा बढ़ गया है। दो महीने से भी अधिक समय पहले यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में हिंसक भीड़ के हमले की पृष्ठभूमि में यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में कही गई कई बातें एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे समेत अन्य अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनियों के समान हैं। रे ने इसी महीने अपनी गवाही में कहा था कि घरेलू हिंसक कट्टरपंथ के कारण देश भर में खतरा बढ़ रहा है।

    अमेरिकी संसद भवन पर हमले से घरेलू कट्टरपंथ से उपजा खतरा सामने आ गया था। इस घटना के कुछ हफ्तों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया अधिकारियों को यह पता लगाने का जिम्मा सौंपा था कि समस्याएं कितनी गहरी हैं। खतरे के आकलन का ब्यौरा बुधवार को सार्वजनिक किया गया। यह पूरी रिपोर्ट व्हाइट हाउस और कांग्रेस में पेश की गई।

    हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष एवं कैलिफोर्निया से जन प्रतिनिधि एडम शिफ ने कहा, ‘‘आज की रिपोर्ट बताती है कि नस्ली एवं जातीय प्रेरित हिंसक कट्टरपंथियों, खासकर श्वेतों को श्रेष्ठ मानने वालों और मिलीशिया हिंसक कट्टरपंथियों से हमें कितना बड़ा खतरा है।” खुफिया अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे कट्टरपंथी जो हिंसा को अंजाम दे सकते हैं वे विभिन्न तरह की विचारधाराओं से प्रेरित हैं। इसमें कहा गया कि सबसे अधिक खतरा नस्लवाद प्रेरित हिंसक कट्टरपंथियों से है जो अमेरिका के नागरिकों पर सामूहिक हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

    वहीं मिलीशिया समूह कानून प्रवर्तन तथा सरकारी अधिकारियों एवं इमारतों पर हमले कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की विचारधारा से प्रेरित कई लोग समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने अन्य देशों में भी गए।