In the midst of the Corona crisis, the 43rd anniversary of the Islamic Revolution is being celebrated in Iran
File

Loading

तेहरान: ईरान (Iran) के राष्ट्रपति (President) और विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने अमेरिका (America) के उस संशोधित प्रस्ताव की बुधवार को आलोचना की, जो ईरान पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के हथियार प्रतिबंध (Weapon Embargo) को अनिश्चितकाल के लिये विस्तारित कर देगा। इस संशोधित प्रस्ताव को ईरान के खिलाफ (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप प्रशासन की अधिकतम दबाव बनाने की नयी नीति के रूप में देखा जा रहा है। ईरान की यह प्रतिक्रिया अमेरिका द्वारा सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को मंगलवार को संशोधित प्रस्ताव वितरित किये जाने पर आई है।

अमेरिका ने इसके लिए 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से और अधिक समर्थन मांगा है, जहां वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थायी सदस्य देशों में शामिल रूस और चीन ने सख्त विरोध जताया है। रूस और चीन द्वारा इस पर अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल करने की संभावना है।

ईरान और अमेरिका सहित विश्व के शक्तिशाली देशों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते से 2018 में ट्रंप (वाशिंटगन) के बाहर होने के बाद अमेरिका हथियार प्रतिबंध को स्थायी बनाने के लिये जोर दे रहा है। वह समझौता ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के इरादे से किया गया था। तेहरान ने बार-बार जोर देते हुए कहा है कि वह परमाणु बम नहीं बनाना चाहता है। परमाणु समझौते को सुरक्षा परिषद ने भी अपनी मंजूरी दी थी। उसमें ईरान से हथियार प्रतिबंध हटाने का एक प्रावधान भी शामिल था।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संशोधित मसौदे की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सुरक्षा परिषद इसे मंजूरी देता है तो इसे पेश करने वाले इसके अंजाम के लिये जिम्मेदार होंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ईरान क्या कदम उठाएगा। वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि अमेरिकी मसौदा एक बहुत ही अवैध गैर कानूनी प्रस्ताव है। इसने सुरक्षा परिषद को नष्ट करने के लिये सुरक्षा परिषद तंत्र का इस्तेमाल किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि यह प्रस्ताव भी खारिज हो जाएगा। ” उल्लेखनीय है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने तेहरान पर बड़ी विदेशी हथियार प्रणाली की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था। उधर, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि नये मसौदे में सुरक्षा परिषद के विचारों पर गौर किया गया है और वही किया गया है, जिस बारे में हर कोई जानता है कि क्या होना चाहिए–ईरान को मुक्त रूप से पारंपरिक हथियारों की खरीद-फरोख्त करने से रोकने के लिये हथियार प्रतिबंध को विस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यह महज सामान्य बात है कि दुनिया में आतंकवाद के नंबर एक प्रायोजक देश को विश्व को कहीं अधिक नुकसान पहुंचाने के साधन नहीं दिये गये हैं।”

सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने कहा कि संशोधित मसौदा अंतिम रूप में बृहस्पतिवार को पेश किया जा सकता है और इसे शुक्रवार को मतदान के लिये रखा जा सकता है। बहरहाल, यह नया प्रस्ताव अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। राजनयिकों ने कहा कि संशोधित मसौदा जून में वितरित किये गये मूल मसौदे से छोटा है। मसौदे में कई प्रावधान किये गये हैं जिस पर कुछ राजनयिकों को आपत्ति हो सकती है।

इस बीच, बुधवार को एक अलग घटनाक्रम में ईरान में कट्टरपंथी संसद ने व्यापार मंत्री के पद के लिये रूहानी द्वारा नामित उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया। सांसदों ने व्यापार एवं उद्योगमंत्री पद के लिये हुसैन मोदारेस खिबानी का नाम खारिज कर दिया। यह मतदान नव निर्वाचित सदन में पहले गंभीर टकराव के रूप में सामने आया। वहीं, ईरान भी कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, देश में संक्रमण के अब तक 3,33,000 मामले सामने आ चुके हैं जबकि अब तक 18,988 लोगों की मौत हुई है। (एजेंसी)