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    नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ भारत (India) अपने सैन्य शक्ति (Armed Force Power) को दिनों दिन बढ़ने की कोशिश में है। जिससे पडोसी मुल्क उन्हें हल्के में नहीं लें। इतना ही नहीं वह अपने सैनिकों कि मानसिक और शारारिक दक्षता के लिए भी प्रतिबद्ध है। वहीं अब इजराइल (Israel) में सैनिकों को सेक्स सरोगेट थैरेपी (Sex surrogate therapy) देने की बात को लेकर खूब चर्चा में है। 

    क्या है सेक्स सरोगेट थैरेपी:

    यह थैरेपी दरअसल बुरी तरह से घायल और आत्मविश्वास खो चुके सैनिकों के यौन पुनर्वास के लिए प्रोयोग कि जा रही है । इतना ही नहीं  ये थैरेपी खुद इजरायली सरकार ही अपने खर्च पर अपने सैनिकों के लिए मुहैया करा रही है । देखा जाए तो यह एक प्रकार कि यह एक कपल थैरेपी है, जिसमें घायल की मदद के लिए एक सरोगेट महिला या पुरुष पार्टनर उन्हें मुहैया कराए जाते हैं, जो धीरे-धीरे अपने इस साथी का खोया आत्मविश्वास लौटने में मदद करते  हैं।

    क्यों है इसकी जरुरत होती है जरूरत:

    दरअसल इजराइल के अनुसार सैन्य और आतंकवादी अभियान में बहुतेरे सैनिक बुरी तरह से घायल हो जाते हैं। इनमे से कुछ लोग कई बार यौन संबंध बनाकर सामान्य जीवन में लौट पाने की उनकी मनःस्थिति नहीं रहती ना ही वह अपने पति या पत्नी से किसी पारकर से जुड़ाव महसूस करते हैं । इन्हीं विषम हालातों में सेक्स सरोगेट थैरेपी आती है। इसमें घायल सैनिक के पास उसका एकपार्टनर होता है जो उसे धीरे-धीरे उसे करीबी संबंध बनाने की ओर अग्रसर करता है। कई मामले तो ऐसे भी आ चुके हैं  जिनमें व्हील चेयर पर बैठे सैनिक को भी इस प्रकार की  थैरेपी दी गयी  है।

    अगर इस मुद्दे पर हम बीबीसी की एक रिपोर्ट देकें तो इसमें  विस्तार से इस पुनर्वास थैरेपी के बारे में बताया गया है। उदाहरण के तौर पर अगर हम  यह मान लें कि कोई सैनिक शादीशुदा है। लेकिन युद्ध में घायल होने के बाद से वो अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने में बिलकुल सहज नहीं है और दोनों ही पति -पत्नी किसी प्रोफेशनल थैरेपिस्ट के पास भी नहीं जाना चाहते हैं । तब सरकार उन्हें यह थैरेपी दिलवाती है।

    क्या है कंप्लीट सेशन का खर्च :

    सबसे ख़ास बात यह है कि इन सेशन के बाद फीडबैक भी दिए-लिए  जाते हैं ताकि आने वाले समय में इस थैरेपी को और भी बेहतर और प्रभावी ढंग से सैनिकों के यौन पुनर्वास के लिए उपयोग में लाया जा सके। हालाँकि इजरायल का रक्षा मंत्रालय जैसे अन्य पुनर्वास के दूसरे हिस्सों का खर्चा उठाता है वैसे इसका भी खर्च वह भलीभांति उठाता है। इतना ही नहीं कई सैनिकों के लिए ये सेशन जरुरत के आधार पर कई महीनों तक चलते हैं। देखा जाये तो ये आमतौर ये  रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम तीन महीनों का ही होता है, जिसका खर्च लगभग 4 लाख रुपए के आस-पास आता  है। लेकिन इजरायल का रक्षा मंत्रालय अपने सैनिकों के पुनर्वास के लिए  यह खर्चा बड़ी ख़ुशी से उठाता है।

    इजरायल में इस मुद्दे को लेकर है खुलापन: 

    अगर हम देखें तो दुनिया के कई देशों और हिस्सों में अनेकों बार इस प्रकार की सेक्स सरोगेट थैरेपी की चर्चा हो चुकी है । लेकिन ज्यादातर जगहों पर इस थैरेपी को वेश्यावृत्ति की तरह देखा या समझा जाता है। लेकिन इसके उलट इजरायल में खुद सरकार ही इसे अलग-अलग युद्धों में घायल और समाज के कटे हुए सैनिकों को इस प्रकार का इलाज देती है। गौरतलब है कि इजरायल एक यहूदी देश है और वह चारों ओर से अरब देशों से घिरा हुआ है। इतना ही नहीं वह  लगातार किसी न किसी आतंकी हमले का सामना करने या खुद ही अनेकों आक्रामक कार्रवाई में व्यस्त रहता है। ऐसे में उसके सैनिकों के यौन पुनर्वास के लिए इजरायल इस प्रकार कि थैरेपी को बहुत अहम मानता है।